रामानुज/देहरादून: कर्नाटक के चुनाव में बजरंगदल और बजरंगबली का मुद्दा अब उत्तराखंड तक पहुंच गया है.क तरफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जहां देहरादून में बीते 2 दिन पहले विरोध प्रदर्शन किया वहीं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया है. भाजपा का कहना है कांग्रेस पार्टी अपने कल्याण के लिए भले ही हनुमान चालीसा का पाठ कर रही हो लेकिन इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है. कांग्रेस पार्टी के कर्नाटक चुनाव की घोषणा पत्र में बजरंगबली पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान लगातार सियासी सुर्खियों में है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी चाहे हनुमान चालीसा पढ़े या रामचरितमानस या फिर श्रीमद् भागवत कथा सुने इससे उसका कोई कल्याण होने वाला नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने कितने पाप किए हैं इससे कल्याण नहीं होगा. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को चुनाव दर चुनाव जनता नाकार रही है. ऐसे में अपने कल्याण के लिए भले ही भगवान का स्मरण कर रही है. मगर इससे उनको कोई चुनावी लाभ नहीं मिलेगा. 


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वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने पलटवार करते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी के हनुमान चालीसा के पाठ से भाजपा क्यों बौखला रही है. भाजपा को यह ध्यान रखना चाहिए कि भगवान भाव के भूखे होते हैं और भगवान किसी दल के नहीं होते जो जिस श्रद्धा से उनको नमन करता है उसका फल उसे मिलता है. यानी कांग्रेस मान कर चल रही है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से उसे फायदा जरूर मिलेगा. अब प्रदेश में राम कथा, हनुमान के भरोसे चुनाव की वैतरणी को पार करने की सियासत देखने को मिल रही है. फिलहाल देखना होगा कि कौन किस भाव से भगवान को याद कर रहा है और जनता जनार्दन का आशीर्वाद किस दल को मिलता है?


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