शिवकुमार/शाहजहांपुर: अली की दी गई जमीन पर अब बजरंगबली विराजमान होंगे, यह बात सुनकर शायद आप अचम्भे में पड़ जायेंगे. लेकिन यह सच है.शाहजहांपुर में नेशनल हाई-वे से मंदिर को शिफ्ट करके जिस जमीन में स्थापित किया जा रहा है. उसे बाबू अली नाम के मुस्लिम नें दान की है.बजरंगबली के लिए जमीन दान देने वाले बाबू अली का कहना है कि इस तरह की सोच हिंदुस्तान में हिंदू-मुस्लिम एकता की डोर को मजबूत करती है.


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ये थाना तिलहर क्षेत्र के कछियाना खेड़ा के पास नेशनल हाईवे 24 पर बजरंगबली का प्राचीन मंदिर है. नेशनल हाइ-वे को फोरलेन बनाए जाने के बाद यह मंदिर लखनऊ से बरेली जाने वाले मेन लेन पर आ गया है. मंदिर के मेन लेन पर आ जाने पर यातायात शुरू नहीं हो पा रहा है. हिंदू संगठनों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने बातचीत के जरिए मंदिर को हाईवे से 80 फीट पीछे ले जाने का फैसला किया है. 


दरअसल, जैक के जरिए मंदिर को उठाकर पड़ोस के खेत में शिफ्ट करना था. लेकिन पड़ोस का खेत मुस्लिम व्यक्ति बाबू अली का था. ऐसे में बाबू अली ने हिंदू मुस्लिम एकता मिसाल पेश करते हुए बजरंगबली के लिए अपना खेत दान करने का फैसला किया. उनका कहना है कि इस तरह के प्रयास हिंदू-मुस्लिम एकता की डोर को मजबूत करती है.उनका कहना है कि शाहजहांपुर शहीदों की नगरी है. जहां पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान की दोस्ती हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करती है. उन्होंने कहा कि बजरंगबली हिंदुओं के लिए भगवान हैं तो उनके लिए अली की भी आस्था है. 


वहीं जिला प्रशासन का कहना है की मंदिर के लिए बाबू अली ने जो जमीन दान दी है,वह प्रशंसनीय है. उनकी इस पहल के बाद जल्द ही मंदिर को नेशनल हाईवे से शिफ्ट करके बाबू अली की जमीन में स्थापित कर दिया जाएगा. जिसके बाद यह मंदिर पूजा अर्चना का केंद्र तो होगा ही साथ ही हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी पेश करेगा.