बलरामपुर: यूपी (Uttar Pradesh) के बलरामपुर (Balrampur) में एक बेबस पति अपनी मरी हुई पत्नी को इंसाफ दिलाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर ठोकरें खाता नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा उसकी पत्नी को साल 2021 में कागजों में मृत दिखा दिया गया था. इसके चलते उसे मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिला. समुचित इलाज न मिलने के चलते साल 2022 में उसकी मौत हो गई. तभी से पति मामले में न्याय के लिए अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा रहा है.


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तुलसीपुर पकड़ी पटोहा गांव का मामला
आपको बता दें कि मामला तुलसीपुर तहसील के पकड़ी पटोहा गांव का है. यहां के रहने वाले तौवाब अली की पत्नी बिट्टा को ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा कागजों में 2021 में मृत घोषित कर दिया गया. इस दौरान उसकी पत्नी गंभीर बीमारी से पीड़ित थी. इस मामले में पति का कहना ने बताया कि पत्नी को कागज में मृत दिखाने के कारण उसे किसी भी स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. जबकि उसे पैसों और इलाज की सख्त आवश्यकता थी. इस दौरान उसने अपनी पत्नी के साथ कई अधिकारियों से मुलाकात की. उसके जिंदा रहने की बात बताई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. 


दोषी ग्राम प्रधान पति के खिलाफ हो कार्रवाई
आपको बता दें कि ये मामला महज कागजों तक ही सिमट कर रह गया है. साल 2022 में उसकी पत्नी की सच में मौत हो गई. पत्नी की मौत के बाद पति लगातार अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. ताकि दोषी ग्राम प्रधान पति के खिलाफ कार्रवाई की जा सके, लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. इस मामले में सीडीओ संजीव कुमार मौर्या ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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