नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: पुलिस पर हमला करने वाले दबंग परिवार का माफिया मुख्तार अंसारी से कनेक्शन सामने आया है. आरोप है कि दबंगई के बल पर इस परिवार ने गांव में कई सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया.  फिलहाल मामले के सभी दबंग आरोपियों जेल में हैं. पुलिस इनका अपराधिक इतिहास खंगालने के साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करके अपराध से अर्जित सम्पत्तियों को कुर्क करे की तैयारी में है.


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क्या है पूरा मामला 
पूरा मामला बाराबंकी में देवा कोतवाली क्षेत्र के सिपहिया गांव से जुड़ा है. जहां बीते रविवार को जलील का पुत्र फैसल देवा कोतवाली के माती चौकी इंचार्ज शशिकांत सिंह की गाड़ी के सामने अचानक आ गया. मामूली बहस के बाद प्रधान और उनके गुर्गों ने मिलकर चौकी इंचार्ज शशिकांत सिंह को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था. 


पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार 
जिसके बाद पुलिस ने चौकी इंचार्ज को पीटने वाले ग्राम प्रधान जलील अहमद, पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पति जमील अहमद, फैसल, आजम, आलम, अनस और सतीश को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. सिपहिया गांव का निवासी जलील अहमद ग्राम प्रधान है जबकि जलील के भाई जमील अहमद की पत्नी अमीना खातून ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं. 


रिकॉर्ड खंगाला गया तो मिले चौंकाने वाले सबूत 
इस वारदात के बाद जब देवा पुलिस ने इनका आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला तो चौंकाने वाले सबूत मिले. पुलिस को पता चला कि इस परिवार के संबंध माफिया मुख्तार अंसारी के गिरोह से भी है. इसके अलावा पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पति जमील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हो चुकी है. 


देवा कोतवाल पंकज कुमार सिंह ने एसपी को एक रिपोर्ट भेजी है. जिसमें साफ कहा गया है कि सिपहिया गांव के ग्रामीणों ने शिकायतीपत्र दिया था. इसमें गांव की जमीन और पंचायत भवन पर जलील अहमद, जमील अहमद और जमील अहमद की पत्नी पूर्व ब्लाक प्रमुख अमीना खातून ने अपनी दबंगई के बल पर कब्जा कर लिया है और बिल्डिंगें तक बनवा डालीं. 


ग्रामीणों ने इसकी कई बार शिकायत की मगर इनकी दबंगई के आगे स्थानीय प्रशासन बेबस रहा. क्योंकि इनके रिश्ते माफिया मुख्तार अंसारी से है. वहीं जलील, जमील और शकील ने अपनी मां खैरूल निशा को वर्ष-2013 में मृतक दिखाकर फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन आदि की वरासत करा ली जबकि अभियुक्तों की मां भी अभी जीवित है. इस सम्बन्ध में भी अब थाना देवा पर केस दर्ज किया गया है. 


पुलिस को पता चला कि यह सभी दबंग अपने नेटवर्क को लखनऊ से चलाते थे. अपनी रिपोर्ट में कोतवाल मे ग्रामीणों द्वारा दी गई शिकायत भी संलग्न की है.  एसएचओ पंकज कुमार सिंह ने मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी के स्तर से एक टीम बनाई जाये.  वहीं ग्राम प्रधान और पूर्व ब्लॉक प्रमुख के तार मुख्तार अंसारी से जुड़े होने की बात सामने आने के बाद अधिकारियों में भी हड़कंप है. मामले की जानकारी आईजी और डीजीपी तक को भेजी गई है.


एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी डीएम को दी गई है. साथ ही आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. अभियुक्तों के खिलाफ पूर्व में भी थाना देवा में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जिसके चलते अब इनके खिलाफ पर्याप्त सबूतों के मिलने पर गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराध से अर्जित सम्पत्तियों को कुर्क किये जाने की भी कार्रवाई की जायेगी.