नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: हर नागरिक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित किया जा सके, इसके लिए बाराबंकी जिले में करीब 37 लाख लोगों के आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानी आभा कार्ड बनाए जा रहे हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने हर व्यक्ति के आभा कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं. जिसके क्रम में अब तक करीब 58 हजार लोगों की आभा के तहत यूनीक हेल्थ अकाउंट बन भी चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग एएनएम और आशा बहुओं को घर-घर भेजकर लोगों के आभा कार्ड बनवा रहा है. 14 अंकों वाली इस स्वास्थ्य आईडी को मोबाइल पर ऐप के माध्यम से कहीं भी एक्टिव किया जा सकता है.


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क्या है आभा कार्ड और क्या होंगे क्या फायदे (ABHA health Card and ABHA health card Benifits)
वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के बाद से लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी सचेत हुए हैं. लोग खुद समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप करवाते रहते हैं. लेकिन कई बार अचानक तबीयत बिगड़ने पर मरीज का मेडिकल रिकॉर्ड नहीं मिल पाता. ऐसे में डाक्टर भी अंदाजे से दवाएं शुरू करते हैं, जिससे मरीज तो नुकसान होने का खतरा बना रहता है. इसी समस्या को देखते हुए हर शख्स की अपनी हेल्थ आईडी बनाने के निर्देश दिए हैं. जिसे आभा अकाउंट नाम दिया गया है. आभा कार्ड पर आप अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को स्टोर और एक्सेस कर सकते हैं.


कैसे बनवा सकते हैं आभा कार्ड (How To Apply For ABHA health Card, Check Online Process)
आभा कार्ड को बनवाने के लिए ई-कवच ऐप डाउनलोड करना होगा. इस ऐप पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय आपके पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है. साथ ही आधार कार्ड का मोबाइल नंबर से लिंक होना भी जरूरी है. क्योंकि उसी मोबाइल नंबर पर ओटीपी के माध्यम से आपका सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद आपको एक यूनीक आईडी और पासवर्ड मिल जाएगा, जिससे जरिए लॉग इन करके आप अपना मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित कर सकेंगे.


आभा अकाउंट पर सेव रहेंगे सभी मेडिकल रिकॉर्ड
आभा कार्ड बना रही एएनएम सीमा देवी और आशा बहू कुसुम मिश्रा ने बताया कि आभा अकाउंट पर आप अपने सारे मेडिकल रिकॉर्ड सेव करके रख सकते हैं. आभा अकाउंट पर मेडिकल रिपोर्ट, दवाओं की पर्चियां, ब्लड ग्रुप की जानकारी, डॉक्टर की जानकारी और ट्रीटमेंट इत्यादि जानकारियां डिजिटली सुरक्षित हो सकेंगी. वहीं अकाउंट बनवा चुके लाभार्थियों ने बताया कि इससे इलाज की फाइलें साथ लेकर नहीं चलनी पड़ेंगी और आभा से पुराना रिकॉर्ड देखकर डॉक्टर बेहतर इलाज मुहैया करा सकेंगे.


जल्द ही सभी को इससे जोड़ा जाएगा
बाराबंकी की सीडीओ ने बताया कि सरकार के निर्देशों के क्रम में घर-घर एएनएम और आशा बहुएं लोगों का आभा आईडी बना रही हैं। अब तक करीब 58 हजार लोगों के आभा कार्ड बनाए जा चुके हैं. जल्द ही समूची आबादी को इससे जोड़ा जाएगा. इसके पीछे लक्ष्य है कि हर व्यक्ति का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित किया जा सके और उसके अनुसार उसे कहीं भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें.