नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक ऐसे डॉक्टर लोगों के जन्म और मृत्य प्रमाण पत्र बना रहे हैं.  जिनकी लगभग छह महीने पहले ही मौत हो चुकी है, अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसे संभव हो सकता है तो अब हम आपको बताते हैं कि आखिर पूरा मामला है क्या?


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दरअसल हम बात कर रहे हैं बाराबंकी की नगर पालिका परिषद की. यहां नगर स्वास्थ्य अधिकारी लोगों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते हैं, लेकिन नगर पालिका के जिस कमरे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी बैठते हैं, वहां उस डॉक्टर की नेम प्लेट लगी हुई है, जिनकी मौत लगभग छह महीने पहले ही हो चुकी है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या एक मृत डॉक्टर लोगों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर रहा है. अगर नहीं तो उस डॉक्टर की मौत के छह महीने बाद भी आज तक उसके नाम की प्लेट वहां से क्यों नहीं हटवाई गई.


हद तो तब हो गई, जब इसे लेकर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) पवन कुमार, बाबू रमेश और दूसरे कर्मचारियों से बात की गई. सभी इस बात से अंजान थे कि एक मृत डॉक्टर की नेम प्लेट आज तक नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कमरे के बाहर कैसे लगी हुई है. और तो और हद तो तब हो गई जब यहां ईओ और जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले बाबू इस समय के नगर स्वास्थ्य अधिकारी का नाम तक नहीं बता पाये. दोनों को यह तक नहीं पता था कि आखिर इस समय नगर स्वास्थ्य अधिकारी है कौन. ऐसे में आम जनता तो एक मृत डॉक्टर को ही नगर स्वास्थ्य अधिकारी जानेगी।


वहीं जब इस बड़ी लापरवाही के बारे में नगर पालिका बाराबंकी के ईओ से बात की गई तो पहले तो उन्होंने इस पूरे मामले से ही अनभिज्ञता जताई. हालांकि उन्होंने आगे माना की यह उनके कर्मचारियों की लापरवाही है. जिसके चलते एक मृत डॉक्टर की नेम प्लेट आज तक नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कमरे के बाहर से नहीं हटवाई गई. उन्होंने आश्वासन दिया कि उस नेम प्लेट को हटवाकर इस समय के नगर स्वास्थ्य अधिकारी की नेम प्लेट लगवाई जाएगी.