नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी:  जिला एवं सेशंस न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई. जिसमें कोर्ट में चल रहे सैकड़ों विवादों का आपसी समझौता करवाया गया, जो सालों से कोर्ट में चल रहे थे. विवादों का निस्तारण करवाने में काउंसलर और जजों का बड़ा योगदान रहा. इनमें से ऐसा मामला भी रहा, जिसमें पति-पत्नी बीते 22 सालों से अलग रह रहे थे और अब साथ रहने को तैयार हो गये. 


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अक्सर देखने को मिलता है कि पति-पत्नी में मामूली झगड़ों से शुरुआत होती है और वह इतना बड़ा रूप ले लेती है कि दोनों को अलग हो जाना पड़ता है. ऐसे में लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से भी काफी दिक्कतें होती हैं. साथ ही बच्चे भी काफी परेशानियों का सामना करते हैं, लेकिन जब इन विवादों का लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निस्तारण करा दिया जाता है तो लोगों में काफी खुशी मिलती है.


22 साल बाद एक हुए पति-पत्नी, बच्चों को गले लगा फूट-फूटकर रोए
ऐसा ही खुशनुमा नजारा बाराबंकी में भी देखने को मिला. जब सालों से लंबित चल रहे करीब 70 मामले यहां आपसी समझौते के आधार पर हल करा दिये गये. इनमें 22 साल पुराना मामला भी निस्तारित किया गया, जिसके बाद पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गये. दोनों के सुलह से उनके परिजन इतना खुश हुए कि उनकी आंखें भर आई वह उनके बच्चों को गले से लगाकर फूट-फूटकर रोये. 


बातचीत के दौरान सामाजिक कार्यकत्री और प्रोफेशनल काउंसलर डॉ. इंदु सुभाष ने बताया कि फैमिली कोर्ट में मंगलवार को 70 मामलों में आपसी समझौता हो गया. ये वह पारिवारिक मामले थे, जिसमें पति-पत्नी के साथ सबसे ज्यादा बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा था. हालांकि आज जब ऐसे मामलों का निस्तारण हुआ और जब पति पत्नी एक साथ रहने को राजी हुए तो तमाम लोगों के आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने बताया ऐसे कई केसों का आज निस्तारण हुआ, जिनमें कुछ केस 2015 के थे और कुछ 22 साल पुराने थे.