बाराबंकी/नितिन श्रीवास्तव: यूपी कैडर के तीन आईएएस अफसरों के इस्तीफे से ब्यूरोक्रेसी में पहले से ही हलचल मची है. इसी बीच बाराबंकी (Barabanki) में भी जिला स्तरीय अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर यहां तैनात एक खंड विकास अधिकारी के त्याग पत्र (BDO Resignation) देने की खबर है.  इस्तीफा देने की जानकारी होने पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी (BDO) से काफी देर फोन पर बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन फिर भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वहीं खंड विकास अधिकारी के इस्तीफा देने के बाद जिला स्तरीय अधिकारियों में हलचल मची है. कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. 


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अफसर बिना गलती के कर रहे उत्पीड़न: BDO 
दरअसल, बाराबंकी के ब्लॉक रामनगर (Ramnagar) में तैनात खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिले के अफसर बिना गलती के उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. अन्य ब्लॉकों को छोड़कर सिर्फ रामनगर में छापेमारी की जा रही है. यह इसलिए हो रहा है क्योंकि बीडीओ ने सांसद से एक सिफारिश करा दी थी. जिसकी वजह से जिला स्तर के अधिकारी चिढ़ गए और उत्पीड़न शुरू कर दिया. वहीं, इस्तीफा देने के बाद पीडीएस यानी प्रादेशिक विकास सेवा संघ भी लामबंद हो गया है. 


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उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश के सभी बीडीओ के एकजुट होने की खबर 
वहीं, बीडीओ अमित त्रिपाठी के त्याग पत्र देने की खबर फैलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. इस्तीफे की जानकारी मिलते ही बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने करीब एक घंटे तक बीडीओ से बात की और समझाने की कोशिश की. लेकिन वह फिर भी नहीं माने. उन्होंने अपना इस्तीफा ग्राम विकास आयुक्त को भेज दिया. जिसके बाद आनन-फानन में डीआरडीए में बैठक हुई. इसमें पीडीएस संघ के सभी बीडीओ शामिल हुए. बीडीओ को समझाने की कोशिश की जा रही है. उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश के सभी बीडीओ के एकजुट होने की भी जानकारी आ रही है. 


31 जुलाई को रामनगर में की थी छापेमारी 
आपको बता दें कि बीती 31 जुलाई को बाराबंकी जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह, सीडीओ एकता सिंह, डीडीओ भूषण कुमार, परियोजना निदेशक मनीष कुमार, सहायक अभियंता टीएन सिंह ने ब्लॉक रामनगर में औचक छापेमारी की थी. जानकारी के मुताबिक, छापेमारी में बीडीओ अमित त्रिपाठी ब्लॉक में नहीं मिले थे. उन्होंने बताया था कि वह निरीक्षण में फील्ड में हैं. 


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हालांकि थोड़ी देर बाद बीडीओ भी ब्लॉक पहुंच गए थे. यहां आलाधिकारियों को नरेगा सेल में लंबित प्रकरण मिले. साथ ही पत्रावलियां भी ठीक नहीं मिली. इसके अलावा दो तालाबों के निरीक्षण में भी वहां काम होता नहीं मिला, जबकि मस्टर रोल भरे मिले. एस्टीमेट भी ज्यादा था. इस पर डीएम ने बीडीओ और डीसी मनरेगा को फटकार लगाई. इसके अलावा डीएम ने सभी ग्राम पंचायतों से पत्रावलियां तलब कर उसकी जांच कर रहे हैं. जिसपर बीडीओ ने आरोप लगाया कि अन्य ब्लॉकों को छोड़कर जिले के अधिकारी सिर्फ रामनगर में ही छापेमारी कर रहे हैं. इस तरह के उत्पीड़ से परेशान होकर वह इस्तीफा दे रहे हैं. 


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