Love Jihad Fatva: लव जिहाद करने वाले मुस्लिम लड़कों पर भड़के मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन, जारी किया फतवा
लव जिहाद को लेकर एक फतवा जारी किया गया है. ये फतवा सुन्नी बरेलवी मसलक से जुड़े उलेमा ने जारी किया है. रविवार को मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन ने फतवे का ऊर्दू से हिंदी तर्जमा करके जारी कर दिया.
बरेली : लव जिहाद को लेकर एक फतवा जारी किया गया है. ये फतवा सुन्नी बरेलवी मसलक से जुड़े उलेमा ने जारी किया है. रविवार को मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन ने फतवे का ऊर्दू से हिंदी तर्जमा करके जारी कर दिया. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने प्रेस फॉन्फ्रेंस कर फतवा जारी करते हुए कहा कि शरई रौशनी में “पहचान छिपाकर की जा रही शादियों को नाजायज व हराम माना गया है. दरअसल, यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्से में पिछले कई दिनों से लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें कई मामले ऐसे हैं जिनमें मुस्लिम लड़के अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर गैर मुस्लिम लड़कियों को इश्क के झूठे जाल में फंसाते हैं. इसके बाद उनसे शादी कर उन पर अत्याचार करते हैं.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के मुताबिक ''पिछले कई दिनों से मुस्लिम कौम के कुछ लड़के गैर मुस्लिम लड़कियों से प्रेम प्रसंग कर फिर शादी करने के लालच में गैर इस्लामी रस्मों को अंजाम दे रहे हैं. जैसे कि हाथ में कलवा बांधना, टीका लगना आदि. जहां पर वे सोशल मीडिया पर अपनी पाकर गैर मुस्लिमों के नाम रखकर लड़कियों से बातचीत करते हैं.''
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा '' इस्लाम के मानने वालों को ये ध्यान रखना चाहिए कि इस्लाम ने उन्हें जीने का एक तरीका बताया गया है. जो बहुत अच्छा है. उनके धर्म ने अपने मानने वालों को मुस्लिमों के लिए कुछ निशानियां व पहचान भी दी हुई हैं. लेकिन माथे पर टीका लगाने, हाथ में कड़ा पहनने, और लाल धागा बंधने , औरतों को सर के बालों में सिन्दूर लगाना, जुन्नार बंधना की इजाजत नहीं है.''
''इस्लाम में अपनी पहचान छुपाना है नाजायज और हराम''
उन्होंने कहा ''ये सब मुस्लिमों के लिए नहीं है. चूंकि, ये सभी निशानियां दूसरे धर्मों की हैं. इसलिए कोई भी मुसलमान इन चीजें इस्तेमाल नहीं कर सकता. उन्हें इनका उपयोग करने से बचना चाहिए. यदि ऐसी हरकत कोई करता है तो वो अपने इस्लाम धर्म और अपने मुसलमान होने की पहचान को छिपा रहा है, जोकि पूरी तरह से नाजायज व हराम है.
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''इस्लाम में टीका और चोटी रखना शरीयत ने गुनाहे कबीरा माना''
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा ''मुस्लिम लड़के अपनी इस्लामिक पहचान छुपाने की नियत से और दूसरे धर्म की लड़कियों के साथ शादी करने की नीयत से ये सब करते हैं वो इस्लाम से निकल जाने के करीब हो जाते हैं. उलेमा ने इस मुद्दे पर आगे कहा ''अल्लाह ताला ने कुरान शरीफ में कहा है कि ऐ मोमिनों गैर-मुस्लिम औरतों से उस वक्त तक निकाह न करों, जब तक वो ईमान वाली न हो जाएं. (तर्जमा क़ुरान शरीफ़)''.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि '' ऐसे में जब कोई मुस्लिम लड़का ऐसी किसी भी हरकत में शामिल है या उसकी नीयत और ईमान में खोट पैदा हो रही है. तो वक्त रहते उसे तौबा करनी चाहिए और खुदा की बारगाह में सजदा करना चाहिए. इस्लाम ने जिंदगी जीने का जो तरीका और सलीका दिया है. उसी के मुताबिक बसर करें.'' इसलिए जो मुस्लिम लड़के हाथों में कड़ा या धागों का कलवा पहनते हैं, सोशल मीडिया पर अपना इस्लामिक नाम छुपाते हैं, या गैर मुस्लिम जैसा नाम रखते हैं, तो वो तौबा के हकदार हैं. इस्लाम ऐसे किसी भी कृत्य से बचने और तौबा करने की हिदायत देता है.
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