अजीत सिंह/जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में इस बार दीपावली का त्योहार चाइनीज सामानों से नहीं बल्कि देशी दीयों से लोगों के घर जगमग होंगे. कई सालों से मिट्टी के दीयों की मांग लगातार घट रही थी, जिसके कारण कई कुम्हारों ने अपना काम छोड़ दिया और दूसरा पेशा को अपना लिया. इस बार मेक इन इंडिया के चलते लोगों ने देसी सामान से दिवाली मनाने का फैसला किया है. इसी के कारण इस बार बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग खूब बढ़ गई है. 


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कुम्हार दीयों को बनाने में पूरे परिवार के साथ दिन रात लगे है. इस बार पिछले साल के मुकाबले दीयों की मांग दोगुनी से ज्यादा हैं. वहीं रेट भी पहले से अच्छा है. इस बार सौ दियो का मूल्य 50 रुपये तक जा पहुंचा है. कुम्हारों के घरों में इस बार मिट्टी के दीयों की बढ़ती बिक्री से खुशी का माहौल है.


मिट्टी के दिए की बढ़ी डिमांड 
मिट्टी के दीए बनाने वाले चंद्रशेखर बताते हैं कि इस बार मिट्टी के दीयों की मांग पहले से अच्छी है, जिसके कारण उनका चाक दिन रात चल रहे हैं. कुम्हारी का काम करने वाली चंद्रमा प्रजापति ने बताया कि पहले चाइनीज सामानों के कारण हम लोगों की डिमांड कम होती थी. हमारे कुल्हड़ दिए कम बिकते थे. इस बार चाइनीज सामानों की खपत ना होने के कारण हम लोगों की डिमांड बढ़ी है. इस बार 50,000 से लगभग एक लाख तक के दिए बिकने की आसार हैं.


दीए बनाकर अपने परिवार की भरोसा करने वाले छात्र चंद्रशेखर ने बताया कि वह पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ रोज लगभग 1500 दिए बनाता है. चाइनीज सामानों की खपत कम होने के कारण अब दीयों की बिक्री होने लगी है. पहले चाइनीज सामानों की खपत ज्यादा थी, क्योंकि डिमांड कम थी अब मार्केट में दीया की डिमांड ज्यादा है. हम लोग इसी से अपने पूरे परिवार का खर्चा चलाते हैं पढ़ाई के साथ दिया भी बनाते हैं. 


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