New Parliament House: नई संसद की खूबसूरती को चार चांद लगाएगी भदोही की कालीन, PM मोदी भी हैं इसके मुरीद
Bhadohi News: यूपी के भदोही जिले की रंग बिरंगी कालीन दिल्ली में बने नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा के उदघाटन के दिन उसकी भव्यता को और चार चांद लगाएंगी. इन कालीनों का निर्माण ऊन और सिल्क से किया गया है.
रमेश चंद्र मौर्य/भदोही: दिल्ली में बने नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा के उदघाटन के दिन उसकी भव्यता को भदोही की रंग बिरंगी कालीन और चार चांद लगाएंगी. वहां पहुंचे लोग भदोही की मखमली हैंड नॉटेड कार्पेट को देखेंगे. भदोही की एक कालीन कंपनी ने हस्तनिर्मित कालीनों को संसद भवन में बिछाया है. भदोही के अनूठे कारीगरों का यह परंपरागत उत्पाद संसद भवन की खूबसूरती को और बढ़ाएगा.
अमेरिका और यूरोप में होता है भदोही की कालीनों का निर्यात
भदोही से कालीन का अमेरिकी, यूरोपीय देशों के अलावा अन्य क्षेत्रों में निर्यात होता है. मुगल काल से भदोही में हस्तनिर्मित कालीन बनाई जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भदोही की कालीने बेहद पसंद हैं. एक बार जब वह चुनावी दौरे में भदोही आए थे तो उन्होंने कहा था कि हम भदोही की कालीनो की बेहतर से बेहतर ब्रांडिंग करेंगे.
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ऐसे में जब नया संसद भवन बन रहा हो, उसमें भदोही की परंपरागत कालीन न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. सेंट्रल विस्टा में 5000 स्क्वायर यार्ड से अधिक एरिया कवर करने के लिए भदोही की ओबीटी कालीन कंपनी ने कालीनों को बनाकर वहां भेजा और भदोही के ही कारीगर ने संसद भवन में वाल टू वाल कालीनो को फिट करने के लिए गए थे.
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कालीन की हैं ये खासियतें
कालीनो की कई तरह की वैरायटी हैं लेकिन संसद भवन में सिर्फ हस्तनिर्मित उच्च क्वालिटी की कालीन को बिछाया गया है. हस्तनिर्मित कालीन एक एक धागे को जोड़कर हाथ से बुनी जाती है. यह करीब 100 साल तक चल सकती है. रंग बिरंगी मखमली कालीन ऊन और सिल्क से बनाई गई है.
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हस्तनिर्मित कालीनों के बाजार को मिलेगी मजबूती
कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से जुड़े लोगों का कहना है कि यह पूरे भदोही के लिए गर्व की बात है. इससे हस्तनिर्मित कालीनो के बाजार को और मजबूती मिलेगी. कारोबारियों का कहना है कि हस्त निर्मित कालीने भदोही के लिए उद्योग नहीं बल्कि यह यहां की परंपरा और सांस्कृतिक विरासत है. ऐसे में नए संसद भवन में भदोही की कालीन जाना इस क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.
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