बिजनौर ब्लास्ट मामले में आतंकियों के मददगारों को 7 साल की सजा, लखनऊ की NIA कोर्ट का फैसला
बिजनौर शहर के जाटान इलाके में पांच युवक एक छोटे से किराए के मकान में बतौर स्टूडेंट्स बताकर रह रहे थे. 12 सितंबर 2014 की सुबह 11 बजे के आसपास उसी मकान मे तेज़ धमाके की आवाज़ सुनाई दी. धमाका होते ही पांचो लोग पुलिस व इलाके के लोगों को चकमा देकर फरार हो गए. बिजनौर पुलिस व एनआईए की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि पांचो सिमी के आतंकी है और ये मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से फरार होकर बिजनौर के छोटे से घर में रह रहे थे.
बिजनौर: बिजनौर में साल 2014 में हुए ब्लास्ट मामले में आतंकियों के मददगारों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने सभी को सात -सात साल की कठोर सजा का आदेश जारी किया है.
गौरतलब है कि बिजनौर शहर के जाटान इलाके में पांच युवक एक छोटे से किराए के मकान में बतौर स्टूडेंट्स बताकर रह रहे थे. 12 सितंबर 2014 की सुबह 11 बजे के आसपास उसी मकान मे तेज़ धमाके की आवाज़ सुनाई दी. धमाका होते ही पांचो लोग पुलिस व इलाके के लोगों को चकमा देकर फरार हो गए. बिजनौर पुलिस व एनआईए की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि पांचो सिमी के आतंकी है और ये मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से फरार होकर बिजनौर के छोटे से घर में रह रहे थे.
एनआईए सहित तमाम ख़ुफ़िया विभाग की टीम ने डेरा डाल कर केस का पर्दाफाश करते हुए आतंकियों को पनाह देने वाले व उनकी मदद करने वाले महिला सहित पांच आरोपियों ( हुस्ना ,रईस ,फ़ुरक़ान, नदीम ,अब्दुल्ला) को पनाह देने और मदद करने का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया था. सभी पांचो आतंकी साल 2016 में पकड़े गए थे. जेल तोड़कर भागने की कोशिश में पुलिस मुठभेड़ में पांचो आतंकी का ढेर कर दिया गया था. लेकिन आतंकियों के सभी मददगारों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए 7 -7 साल की कठोर सजा सुनाई है.
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