कानपुर देहात: चर्चित बिकरू कांड तो आपको याद होगा. इस मामले में आरोपित खुशी दुबे की आज जेल से रिहाई हो सकती है. दरअसल, खुशी दुबे बिकरू कांड में एनकाउंटर के आरोपित अमर दुबे की पत्नी हैं. बता दें कि वह पिछले 30 महीने से जेल में बंद हैं. इस बाबत पनकी-नौबस्ता पुलिस ने जमानत की सत्यापन रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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फर्जी सिम कार्ड मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी का रिहाई परवाना जिला कारागार भेजा
आपको बता दें कि बिकरू कांड से जुड़े फर्जी सिम कार्ड मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी का रिहाई परवाना जिला कारागार भेज दिया है. इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत ने बताया कि दोनों जमानतों की तस्दीक करते हुए बोर्ड ने रिहाई परवाना जेल भेज दिया है. खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है.


विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी फायरिंग
आपको बता दें कि साल 2020 के जुलाई में चौबेपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी पुलिस अमले के साथ माफिया डॉन विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गए थे. जहां विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस को घेर कर लगातार फायरिंग शुरू कर दी. इस हादसे में मौके पर ही आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश भर में हडकंप मच गया था.


विकास दुबे के घर पर चला था बुल्डोजर 
आपको बता दें कि तब विपक्ष ने योगी सरकार के लॉ एंड ऑडर पर जमकर निशाना साधा था. इस मामले में तत्काल एक्शन करते हुए योगी सरकार ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत विकास दुबे के घर पर बुल्डोजर चलवाया. वहीं, गाड़ी पलटने और फरार होने के फिराक में भाग रहे विकास दुबे का उत्तर प्रदेश पुलिस ने का एनकाउंटर कर दिया. विकास दुबे के अलावा अमर दुबे सहित चार अन्य बदमाशों को भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया.


खुशी को बनाया गया था सह अभियुक्त 
वहीं, पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे पर हमलावरों को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. खुशी दुबे को सह अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया गया था. वहीं , कोर्ट ने भी माना था कि बिकरू कांड के दौरान खुशी नाबालिग थी. नाबालिग होने कि वजह से खुशी को बालसुधार गृह में रखा गया था. जब खुशी बालिग हो गई, तो उसे कानपुर देहात की माती जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.


 


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