यूपी में इस जिले के किसानों की बल्ले-बल्ले, खेत के अपशिष्ट से तैयार होगा भविष्य का ईंधन
Bio Hydrogen Plant : इन्वेस्टर्स समिट के बाद यह प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट है, जो धरातल पर उतर रहा है. खेत के 1 किलो अपशिष्ट से 30 से 40 ग्राम हाइड्रोजन 120 से 125 ग्राम मीथेन 250 ग्राम धुआं रहित कोयला तैयार हो सकेगा.
राजेश मिश्र/मीरजापुर : देश के पहले बायो हाइड्रोजन प्लांट का शुभारंभ चुनार तहसील क्षेत्र के छत्तीस सक्तेशगढ़ के रामपुर में किया गया. यह प्लांट बीजेल ग्रीन एनर्जी के तत्वाधान में स्थापित किया गया है. इन्वेस्टर्स समिट के बाद यह प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट है, जो धरातल पर उतर रहा है. इस एनर्जी सेंटर पर हाइड्रोजन, सीएनजी एवं स्मोकलेस बायो कोल का उत्पादन किया जाएगा.
हाइड्रोजन गैस प्लांट बनाने का काम शुरू
किसानों के खेत में पड़े हरित अवशेष से हाइड्रोजन गैस प्लांट बनाने का काम शुरू हो चुका है. इसके लिए करीब 5 साल से चल रही तैयारी इन्वेस्टर्स समिट के बाद जमीन पर उतरी है. विधिपूवर्क पूजन अर्चन के साथ इसे शुरू कर दिया गया. इस प्लांट को दुनिया का पहला बायोमास हरित अवशेष से चलित हाइड्रोजन प्लांट बताया गया. करीब 5 वर्षों से नारायणपुर नियामतपुर कला निवासी बीएचयू के वैज्ञानिक डा. प्रीतम सिंह ने इस पर लंबे समय तक शोध किया.
किसानों को होगा फायदा
इस मौके पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने प्रोजेक्ट पर काम करे लोगों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि यह पीएमओ साइन होने के बाद पहला बायोमास प्लांट के काम पर हम आगे बढ़े हैं. ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में यह एक ठोस कदम है. इससे क्षेत्र का विकास होगा. किसानों को अपने अपशिष्ट का लाभ मिलेगा.
धुआं रहित कोयला बन सकेगा
वहीं, डा. प्रीतम सिंह ने इसे देश का पहला बायोमास बेस्ट ग्रीन एनर्जी हाइड्रोजन प्लांट बताया. उन्होंने कहा कि यह भविष्य का फ्यूल है. खेत के 1 किलो अपशिष्ट से 30 से 40 ग्राम हाइड्रोजन 120 से 125 ग्राम मीथेन 250 ग्राम धुआं रहित कोयला इस प्लांट के माध्यम से बना सकते हैं.
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