Mayawati: बसपा ने 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का ऐलान किया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी गठबंधन को इस घोषणा के साथ तगड़ा झटका दिया है. मायावती का यह ऐलान विपक्षी गठबंधनों के लिए बड़ा झटका है. बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी मायावती को न्योता नहीं दिया गया था. उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने जिस तरह अपना दल, निषाद पार्टी जैसे छोटे दलों को साथ लेकर गठबंधन की रूपरेखा स्पष्ट कर दी है. इसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल  जैसे दल यूपी में आम चुनाव के लिए साथ आ सकते हैं. अगर महागठबंधन और बड़ी शक्ल लेता है तो बसपा सुप्रीमो मायावती को भी इसमें साथ लिया जा सकता है.


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बीएसपी प्रमुख मायावती ने एनडीए या इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए रखने का ऐलान किया है. मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस पर सत्ता के लिए गठबंधन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जातिवादी दलों से गठबंधन बना रही है. वहीं बीजेपी आम जनता की दिक्कतों को दूर करने की स्वार्थ सिद्धि का है. मायावती ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अकेले चुनाव लड़ने की भी घोषणा की. 



वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है, वहां भी मायावती का ठोस वोटबैंक है. हालांकि इन राज्यों में सीटें जीतने के बावजूद पार्टी के विधायक चुनाव के बाद पाला बदलने में देर नहीं लगाते. यही कारण है कि इन राज्यों में पार्टी का जनाधार बढ़ नहीं पा रहा है. उत्तर प्रदेश में भी नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, लालजी वर्मा जैसे तमाम बड़े नेता मायावती के हाथी का साथ छोड़ चुके हैं. 


 


 


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