Mango Farming in UP: मार्च का महीना शुरू हो गया है. आम के पेड़ों पर बौर आने लगे हैं. आम के पेड़ों पर बौर आता देख बागवानों के चेहरे खिलने लगे हैं. यूपी के अलग-अलग शहरों में आम की खेती की जाती है. इस बार समय से पहले पेड़ों पर बौर आता देख किसान के चेहरों पर मुस्‍कान आ गई है. हालांकि, यह समय बौर को कीटाणुओं और गर्मी से बचाने का है. ऐसे में इसकी देखभाल करना बहुत जरूरी है. 


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इस बार बंपर पैदावार की आशंका 
दरअसल, आम के पेड़ों पर बौर आ चुके हैं. बौर से लदे आम के पेड़ों से निकलने वाली खुशबू शहर से लेकर गांव तक बिखरी हुई है. यूपी में अमेठी, मलिहाबाद, काकोरी समेत कई जगहों पर आम की अच्‍छी पैदावार होती है. यहां के किसानों का कहना है कि इस साल आम के पेड़ों में अच्‍छी बौर लगी है. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार आम की बंपर पैदावार होगी. इसका लाभ क्षेत्र के किसानों को मिलेगा. 


कई वर्षों से अच्‍छी फसल नहीं हुई 
किसानों का यह भी कहना है कि पिछले कई वर्षों में आम की फसल अच्‍छी नहीं हुई. हालांकि, इस बार आम के पेड़ों में लगे बौर से अच्‍छी फसल की आस जगी है. इस दौरान पौधों के लिए ज्‍यादा रखरखाव की आवश्‍यकता पड़ेगी. वहीं, जानकारों का कहना है कि अधिकांश बागों में बौर आ गए हैं. इस समय कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. फल के मटर के आकार होने तक किसानों को रुकना चाहिए. 


अभी कीटनाशक दवा छिड़काव का सही समय नहीं 
इसके बाद किसान कीटनाशकों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. वहीं, इन दिनों बाग में बड़ी संख्‍या में मधुमक्‍खी आई हुई हैं. जब आप बाग से गुजरेंगे तो मधुमक्खियों द्वारा उत्‍पन्‍न मधुर संगीत सुनने को मिलेगा. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मधुमक्खियां बाग में परागण का कार्य कर रही होती हैं. ऐसे में अगर अभी कीटनाशक दवा का छिड़काव करेंगे तो उन्‍हें नुकसान पहुंच सकता है. 


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