लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में आयुष कॉलेजों में प्रवेश में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश भारत सरकार से की है. यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में प्रो डॉएसएन सिंह, कार्यवाहक निदेशक आयुर्वेद सेवाएं-सदस्य सचिव काउन्सिलिंग (मूल पद प्रिसिंपल और अधीक्षक) तथा उमाकान्त यादव, प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं (मूल पद प्रोफसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ) को निलम्बित कर दिया गया है. डॉ. मोहम्मद वसीम, प्रभारी अधिकारी यूनानी निदेशालय तथा प्रो. विजय पुष्कर, कार्यवाहक संयुक्त निदेशक शिक्षण होम्योपैथी निदेशालय के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही परिचालित कर दी गयी है.


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बताया जा रहा है कि आर्थिक लाभ लेकर अपात्र छात्रों को दाखिला देने के इस मामले में आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी निदेशालय के अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं. इस मामले में निदेशक आयुर्वेद एसएन सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी यूपीट्रॉन पावट्रॉनिक्स पर तहरीर दर्ज करवाई थी.इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. 


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बताया जा रहा है कि इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 छात्रों को यूपी के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में प्रवेश दिया गया था. आरोप लगाया जाता है कि इन सीटों की बड़े स्तर पर धांधली हुई. यहां तक की पांच-पांच लाख रुपये में सीटें बेच दी गईं.