अजीत सिंह/गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध खिचड़ी मेला के लिए श्रद्धालुओं को गांव-गांव तक परिवहन की सुविधा मिलेगी. परिवहन विभाग इसके लिए अभी से बसों के इंतजाम की तैयारी शुरू कर दे. रेलवे प्रशासन से संवाद कर अलग अलग स्टेशनों से मेला स्पेशल ट्रेनों का संचलन कराने के साथ ही गोरखपुर स्टेशन व नकहा हाल्ट से इलेक्ट्रिक सिटी बसों की सुविधा उपलब्ध कराई. इन सुविधाओं की जानकारी अभी से लोगों को दी जाए.


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सीएम योगी रविवार शाम गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर लगने वाले पारंपरिक खिचड़ी मेले की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि खिचड़ी मेले से न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश वरन बिहार, नेपाल समेत दुनिया भर के सनातन मतावलंबियों की आस्था जुड़ी है. ऐसे में मेले में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाए जिससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. दूरदर्शन व आकाशवाणी के जरिए मेले का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा ताकि वह लोग भी मेले में वर्चुअल जुड़ सकें जो किसी वजह से यहां नहीं पहुंच सके. मेले में भीड़ को नियंत्रित करने तथा सुरक्षा आदि की तैयारी पुलिस प्रशासन तय करे. पुलिस को सुरक्षा और सतर्कता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मेला क्षेत्र मे पर्याप्त स्थायी एंव अस्थायी प्रकाश व्यवस्था करायें और पर्याप्त संख्या में अलाव जलवाने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि नगर निगम, गोरखपुर विकास प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी है कि वह सभी सड़कों को भी समयबद्ध ढंग से ठीक कराएं. सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को मेला के दौरान विशेष तौर पर एलर्ट रहना होगा. मेला परिसर में हेल्थ कैम्प भी लगाया जाए. अस्पतालों को भी एलर्ट मोड पर रखने की आवश्यकता होगी ताकि आकस्मिक जरूरत पर किसी तरह की परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी रैन बसेरों को ठीक करायें तथा रैनबसेरों में सफाई आदि की व्यवस्था बेहतर हो. बैठक में एडीजी जोन अखिल कुमार, मण्डलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर, नगर आयुक्त अविनाश सिंह, सीएमओ डॉ आशुतोष दूबे, रेलवे, लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. 


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क्या है खिचड़ी मेले की मान्यता
ऐसी मान्यता है कि खिलजी ने जब आक्रमण किया तो उस समय नाथ योगी उन का डट कर मुकाबला कर रहे थे. युद्ध के दौरान लड़ते हुए वह इतना थक जाते थे कि उन्हें भोजन पकाने का वक्त नहीं मिल पाता था, जिससे उन्हें भूखे रहना पड़ता और वह लगातार कमजोर होते जा रहे थे. ऐसे में अपने योगियों की कमजोरी को दूर करने लिए बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जी को एकत्र कर पकाने की व्यवस्था बनाई. अराध्य बाबा गोरखनाथ ने इस व्यंजन का नाम खिचड़ी रखा. सभी योगियों को यह नया व्यंजन बहुत स्वादिष्ट लगा और उनके शरीर में उर्जा का संचार भी हुआ.