UP Politics: रामचरित मानस की चौपाई पर सीएम योगी ने अखिलेश यादव को चारों खाने किया चित, जाति जनगणना पर भी दिया जवाब
UP Budget Session 2023: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रामचरित मानस की चौपाई विधानसभा में दोहराने की चुनौती को स्वीकार करते हुए न केवल ढोल गंवार शूद्र पशु नारी... वाली लाइन दोहराई बल्कि ऐतिहासिक काल में लिखी गई इस पंक्ति का मतलब भी बताया.
UP Budget Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर करारा हमला बोला. रामचरित मानस की चौपाई विधानसभा में दोहराने की चुनौती को स्वीकार करते हुए सीएम योगी ने न केवल ढोल गंवार शूद्र पशु नारी... वाली लाइन दोहराई बल्कि ऐतिहासिक काल में लिखी गई इस पंक्ति का मतलब बताकर अखिलेश यादव को बैकफुट पर धकेल दिया.
'हिंदू धर्म और शास्त्रों का हो रहा अपमान'
सीएम योगी ने कहा, ''जैसे ही प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर समिट शुरू होने वाली थी,उसी समय समाजवादी पार्टी ने नया शिगूफा छोड़ने का प्रयास किया. धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस को लेकर तुलसीदास जी ने जिस कालखंड में रामचरित मानस की रचना की थी.उन जैसे साधक और संत को सत्ता का बुलावा आया था.अकबर ने उनको भी बुलाया था. तुलसीदाज जी ने उनको एक ही बात कह दी थी. हम चाकर रघुवीर के, पटौ लिखौ दरबार,अब तुलसी का होहिंगे नर के मनसबदार.'' ये जो कृत्य हो रहे हैं ये जो किसी और मत और मजहब के साथ हुए होते तो क्या होता, क्या स्थिति होती. यानी जिसकी मर्जी आए वो हिंदू धर्म और शास्त्रों का अपमान कर ले . आप पूरे समाज को अपमानित करना चाहते हैं.''
'सपा कार्यालय तुलसीदास जी के खिलाफ चला रहे अभियान'
समाजवादी पार्टी का कार्यालय तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रहा है. रामचरित मानस जैसे पावन ग्रंथ का अनादर किया जाने का प्रयास किया जा रहा है. सीएम योगी ने चौपाइयों का उदाहरण देते हुए कहा कि 'शूद्र' और 'ताड़ना' शब्दों का गलत मतलब पेश किया गया. जबकि अवधी और बुंदेलखंड के शब्द शूद्र का मतलब श्रमिक और ताड़ना का अर्थ देखने से होता है.
पवित्र ग्रंथ को जलाकर हिंदुओं को अपमानित करने का किया जा रहा काम
उन्होंने आगे कहा, जिस यूपी को गर्व की अनुभूति होनी चाहिए कि यह राम की धरती है, कृष्ण की धरती है. गंगा यमुना की धरती है. संगम की धरती है, उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर राम चरित मानस और बाल्मीकि रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथ रचे गए. जिस पर उत्तर प्रदेश के रहने वाले को गर्व की अनुभूति होने चाहिए. आप उस पवित्र ग्रंथ को जलाकर क्या 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने का काम नहीं कर रहे हैं. इस प्रकार की अराजकता को कैसे स्वीकार किया जा सकता.
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