लखनऊ: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने लोकनिर्माण विभाग (PWD) के मंत्री के विशेष कार्याधिकारी अनिल पांडेय (Anil Pandey) को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश देते हुए सतर्कता जांच एवं अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित किए जाने की संस्तुति की है.


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पीडबल्यूडी में हुए तबादलों में पाई गई अनियमितता
शासन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अवर सचिव (सीएसएस), अनिल कुमार पांडेय को दिनांक 9 मई 2022 को राज्य सरकार के अंतर्गत लोक निर्माण में विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात किया गया था. पीडबल्यूडी में हुए तबादलों में अनियमितता को लेकर मुख्यमंत्री योगी द्वारा जांच के आदेश की रिपोर्ट के बाद उन पर कार्रवाई हुई.


अनिल कुमार के विरुद्ध मिली थी शिकायत
आपको बता दें कि अनिल कुमार पांडेय के विरुद्ध स्थानांतरण मामले में गम्भीर शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसको संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी ने 12 जुलाई को तीन सदस्यीय एक टीम गठित थी, जिसमें एपीसी मनोज सिंह, एसीएस, गन्ना एवं आबकारी, संजय भूस रेड्डी और एसीएस, नियुक्ति और कृषि, देवेश चुतर्वेदी शामिल थे.


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मंत्री जितिन प्रसाद के OSD अनिल कुमार पांडेय को किया कार्यमुक्त
मुख्यमंत्री द्वारा गठित टीम की जांच में अनिल पांडेय दोषी पाए गए. जिस पर उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए अनिल पांडेय को तत्काल प्रभाव से भारत सरकार वापस भेज दिया है और उनके खिलाफ सतर्कता जांच एवं अनुशासनिक कार्रवाई संस्थित किए जाने की संस्तुति की है.भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर आए अपर सचिव अनिल पांडेय के खिलाफ विजिलेंस जांच और विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.


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