विनय सिंह/लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एजुकेशन व मेडिकल क्षेत्र में रिसर्च के काफी मौके हैं. उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना से एजुकेशन और मेडिकल रिसर्च को गति मिलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी) की यही मंशा है. भारत को शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में ग्लोबल नम्बर वन रैंक हासिल करनी है. सभी यूनिवर्सिटी व उच्च शिक्षा संस्थान शोध के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए यह रैंक हासिल कर सकते हैं.


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प्रदेश ने किया बेहतरीन कोविड मैनेजमेंट


अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि कोई भी कार्य असंभव नहीं है, बस उसे करने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए. देश व प्रदेश का शानदार कोविड मैनेजमेंट इसका बेहतरीन सबूत है. हमारे कोविड प्रबंधन की दुनिया भर में सराहना हुई. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जब कोरोना का पहला केस आया तो यहां कोरोना जांच लिए एक भी लैब नहीं थी.पहला सैंपल हमें पुणे भेजना पड़ा.लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पास प्रतिदिन चार लाख कोविड टेस्ट की क्षमता है.यह अच्छी शुरुआत का अच्छा परिणाम है.


पिछली सरकारों ने काम नहीं किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश 40 साल तक इंसेफेलाइटिस से त्रस्त रहा. पूर्व की सरकारों ने उपचार की गंभीरता नहीं दिखाई. इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश में 50 हजार बच्चों की मौत हो गई. जापान ने तो इंसेफेलाइटिस वैक्सीन 1905-6 में ही बना ली लेकिन इसे भारत आने में सौ साल लग गए. इसके लिए भी सदन में मुद्दा उठाने के साथ सड़क पर आंदोलन करना पड़ा.जबकि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देश ने महज नौ माह में कोरोना की वैक्सीन बना ली. वैक्सीन की देश में 200 करोड़ डोज तथा प्रदेश में 36 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है. कोरोना के संकटकाल में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में जीवन के साथ जीविका की भी रक्षा की गई.प्रवासी कामगारों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया, हर गरीब के लिए फ्री राशन, भरण पोषण भत्ता की व्यवस्था की गई. देश मे 80 करोड़ तथा प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया. सबको मुफ्त कोरोना जांच, इलाज व वैक्सीन की सुविधा दी गई.



शोध को प्रोत्साहित करें


सीएम योगी ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय अपने संस्थाओं के बताए रास्ते पर चलते हुए शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे रहा है. यहां के परिसर में स्थित चिकित्सालय लोगों की चिकित्सा सेवा कर रहा है. इसी सिलसिले में विश्वविद्यालय द्वारा उन बीमारियों पर भी रिसर्च किया जा रहा है जिनके कारण अकस्मात मौतें होती हैं.यूनिवर्सिटी में हाल ही में एक स्टडी में चूहे के मूत्र से होने वाली गंभीर बीमारी का पता लगाया है.


आयुर्वेद में असीमित संभावनाएं


मुख्यमंत्री ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के बीएएमएस पाठ्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. आयुर्वेद के विद्यार्थी नए शोध कर उन्हें पेटेंट करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि संयोगवश आज ही प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस है. 28 अगस्त 2021 को एक ही दिन तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन व गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था. आयुर्वेद के छात्र चिकित्सा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के साथ ही औषधीय पौधों के क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं.उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी वनस्पति नहीं है जिसमें औषधीय गुण न हों. आयुर्वेद के छात्र शोध के जरिए उन वनस्पतियों को आरोग्यता के अनुकूल बना सकते हैं.