अतुल मिश्रा/बांदा: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार एक्शन कर रही है. इसी के तहत एक बार फिर योगी सरकार का भ्रष्टाचार के विरुद्ध में कड़ा एक्शन देखने को मिला है. दरअसल, बांदा में कृषि विश्वविद्यालय में 40 पदों पर हुई भर्ती में धांधली के आरोप में सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया है. इसके अलावा रिकवरी के आदेश भी दिए गए हैं. शासन की तरफ से विभाग के विशेष सचिव ने विश्वविद्यालय के कुलपति को आदेश भेजा है.


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आवेदकों ने शासन से की थी मामले की शिकायत
आपको बता दें कि बांदा कृषि विश्वविद्यालय एक बार चर्चा में है. जानकारी के मुताबिक साल 2017 में विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर, स्टेनोग्राफर, ड्राइवर सहित 40 पदों की भर्ती निकली थी. ये भर्ती तत्कालीन कुलपति डॉ एसएल गोस्वामी और निदेशक प्रसार डॉ एन के बाजपेयी के कार्यकाल में हुई थीं. भर्तियों को लेकर स्थानीय लोगों और आवेदकों ने कमिश्नर चित्रकूट मंडल बांदा से जांच की मांग की थी. इसके अलावा आवेदकों ने मामले की शिकायत शासन से भी की थी.


मामले में ये था आरोप
इस मामले में आरोप था कि चयन प्रकिया में विज्ञापन के आधार पर सेलेक्शन नहीं किया गया है. ड्राइवर की भर्ती में बिना वैध लाइसेंस नियुक्तियां की गई हैं. इसमें हुई ज्यादातर नियुक्तियों में रिश्तेदारों को जगह दी गयी थी. इस पर शासन ने तत्काल मामले का संज्ञान लेकर कमिश्नर से जांच कराई थी. जांच में भी धांधली और अनियमितताओं का जिक्र किया गया था. 


वित्तीय क्षति वसूलने के दिए आदेश
इस मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने विशेष सचिव देवेंद्र कुमार ने कुलपति को आदेश भेजा है. इस आदेश में नियुक्ति को निरस्त करने का आदेश दिया गया है. साथ ही दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सहित वित्तीय क्षति वसूलने के भी आदेश दिए हैं.


कृषि विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी ने दी जानकारी 
इस मामले में बांदा कृषि विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी बीएस राजपूत ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शासन से लेटर आया है, लेकिन जांच रिपोर्ट नही प्राप्त हुई है. मामला कोर्ट में भी लंबित है. जैसा निर्देश मिलेगा उसी के आदेश का पालन किया जाएगा.