सीतापुर: यूपी के सीतापुर (Sitapur) में धान क्रय केंद्र के 10 केंद्र परिवहन कार्य के लिए स्वीकृत किए जाने के बाद टेंडर निरस्त कर दिए गए. आरोप है कि ये टेंडर गलत तरीके से निरस्त किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक धान क्रय केंद्रों पर परिवहन ट्रांसपोर्ट को क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ के ने स्वीकृत किया था. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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आपको बता दें कि प्रीति कंस्ट्रक्शन रिसीविंग और जॉइनिंग सहायक पटल अधिकारी सौरभ चौधरी को उनके कार्यालय में दी गई. जॉइनिंग लेते समय पटल अधिकारी सौरभ चौधरी ने कहा कि सेंटरों से संबंधित बात, जिला प्रबंधक पीसीएफ अतुल चौधरी से कर लें. आरोप है कि सौरभ जब अतुल चौधरी से ऑफिस में मिला, तब उन्होंने पैसे की डिमांड की. उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये प्रति सेंटर के हिसाब से उन्हें पांच लाख  रुपये देने होंगे. साफ तौर पर कहा गया कि जब तक आप 5 लाख रुपये नहीं देंगे, तब तक उनके नाम से काम शुरू नहीं होगा. 


सीएम और डीएम से लगाई न्याय की गुहार
आपको बता दें कि आरोप ये भी है कि जिला प्रबंधक पीसीएफ अतुल चौधरी ने धमकी दी. उन्होंने बताया कि अगर पांच लाख नहीं दोगे, तो ये काम किसी और को दे दिया जाएगा. अब पीड़ित का आरोप है कि रुपया न देने पर उनका टेंडर गलत तरीके से निरस्त कर दिया गया है. इसको लेकर पीड़ित ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मामले की शिकायत की है. साथ ही उन्होंने सीएम और डीएम न्याय की गुहार लगाई है.


मामले में जिलाधिकारी सीतापुर ने दी जानकारी 
वहीं, इस पूरे मामले में जिलाधिकारी सीतापुर अनुज सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत मुझे लिखित रूप से मिली है. इसकी जांच के लिए आरएफसी लखनऊ मंडल को प्रेषित की गई है. जिस मामले को लेकर पीड़ित ने शिकायत की थी. डीएम ने बताया कि इस मामले की विस्तार से जांच करेगी. जांच के बाद जल्द ही आरएफसी की रिपोर्ट आ जाएगी. रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा  उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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