सीतापुर: यूपी के सीतापुर में एसडीएम पर कोटेदार ने पिटाई करने का आरोप लगाया है. कोटेदार का आरोप है कि सिधौली एसडीएम ने उसे चेंबर में बंद कर लात-घूंसे से पीटा. सूचना पाकर सिधौली विधायक मनीष रावत तहसील पहुंचे. उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी डीएम को दी. इस मामले में जिलाधिकारी ने दोनों पक्षों से बातचीत की. वहीं, डीएम ने एसडीएम को खरी-खोटी भी सुनाई. आइए आपको बताते हैं आखिर विवाद क्यों हुआ? 


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ये है पूरा मामला
इस मामले में पीड़ित कोटेदार राम सहारे यादव ने आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि वह अपने काम से तहसील आए थे. कोटेदार ने बताया कि उसे आपूर्ति निरीक्षक मंजूषा यादव से एक आदेश की कॉपी लेना था. जब वह मौके पर पहुंचे तो, आपूर्ति निरीक्षक ने बताया कि अभी एसडीएम साहब ने साइन नहीं किया है. ऐसे में उन्हें कागज दिखाया तो गया, लेकिन हस्ताक्षर न होने पर मिल न सका. तब उन्होंने उस कागज की फोटो खींचने की बात कही. इस दौरान चेंबर की लाइट बार-बार बंद हो रही थी और जल रही थी. तभी अचानक एसडीएम सिधौली दफ्तर में आ गए. जिसके बाद उन्होंने कोटेदार से मारपीट शुरू कर दी.


पीड़ित कोटेदार ने लगाए आरोप 
पीड़ित का आरोप है कि केवल एसडीएम सिधौली अजय कुमार सिंह ही नहीं, उनका ड्राइवर और होमगार्ड ने भी उन्हें पीटा. इस मामले की जानकारी जैसे ही बीजेपी कार्यकर्ताओं को हुई, वह तहसील पहुंचे. कुछ देर बाद खुद बीजेपी विधायक मनीष रावत भी तहसील पहुंचे जहां उन्होंने मौके पर मौजूद सीओ से बात की. जिसके बाद उन्होंने डीएम से पूरे प्रकरण पर बातचीत की. इस दौरान डीएम ने एसडीएम को खरी-खोटी भी सुनाई. विधायक यहीं नहीं रुके, उन्होंने साफ शब्दों में कहा, जो गलत है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.


मामले में एसडीएम ने दी जानकारी 
वहीं, इस पूरे मामले में एसडीएम सिधौली अजय कुमार सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोटेदार चोरी से सरकारी दस्तावेजों की फोटो खींच रहा था, जो गैरकानूनी है. जिसको लेकर बातचीत हुई है. लगाए गए अन्य सभी आरोप निराधार हैं.


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