Soaked Pulses Benefits: हम सब लोग खाने में दाल का सेवन जरूर करते हैं. कभी-कभी मदर और चने का भी इस्‍तेमाल किया जाता है. कई बार हम दाल बनाने से घंटों पर उसे पानी में भिगो देते हैं तो कई बार बनाने से तुरंत पहले भिगो कर गैस पर चढ़ा देते हैं. दाल का सही अवधि तक पानी में भिगोने से उनके पोषक तत्‍वों और पाचन क्षमता बढ़ जाती है, हालांकि ज्‍यादा देर तक भिगोने से नुकसान भी होता है. ऐसे में आज हम जानते हैं कौन सी दाल कितने देर तक पानी में भिगोनी चाहिए. ताकि उसकी पौष्टिकता बनी रहे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शरीर में पहुंचते हैं पोषक तत्‍व 
दरअसल, दाल या फिर राजमा, छोले और मटर जैसी चीजों को हमेशा भिगोकर ही बनाना चाहिए. इससे इनके पोषक तत्व काफी बढ़ जाते हैं. भिगोकर इस्तेमाल करने वाली इन चीजों को पचाने में भी आसानी होती है. भिगोने से फलियों में जान आ जाती है. इस तरह फलियों से टैनिन और फाइटिक एसिड को हटाने में मदद मिलती है, जो इन फलियों के सभी पोषक तत्वों को शरीर तक पहुंचने और ब्लोटिंग का कारण बनते हैं. 


दाल को कितनी देर पानी में भिगोएं 
वहीं, दाल को बिना भिगोए खाने के नुकसान हैं. इससे यूरिक एसिड बढ़ जाता है और  पाचनशक्ति भी कमजोर होने लगती है. ऐसे में जान लें कि दालों को कितनी देर तक पानी में भिगोना चाहिए. जानकारों के मुताबिक, मूंग की दाल, चना की दाल, उड़द की दाल, तुवर की दाल आदि को पकाने से करीब 4 से 6 घंटे पहले पानी में भिगो देना चाहिए. इसके बाद ही पका कर इनका सेवन करना चाहिए. 


राजमा को कितनी देर भिगोएं 
राजम, चना, छोले और सूखे मटर को पकाने से पहले करीब 12-18 घंटे तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए. इसके बाद इसका सेवन करेंगे तो पाचन शक्ति में कोई असर नहीं पड़ेगा. वरना आपकी पाचन शक्ति प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा सबसे अच्छा उपाय है कि आपको लंच में जो दाल या इनमें से कोई चीज बनानी है तो उसे रात में भिगोकर रख दें.


पानी को पौधों में डालें 
वहीं, सबसे ध्‍यान देने वाली बात यह है कि जिस पानी में दाल या चना भिगोते हैं, उस पानी को घर में लगे पौधों में डाल दें. इससे पौधों को भी न्यूट्रिशियन्स मिलेंगे. दालों को भिगोने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इसे रात भर के लिए पानी में रख दें या पूरी तरह से सोक्ड हो जाएगा और आपको इंतजार भी करना नहीं पड़ेगा. इससे निकलने वाला पानी फेंके नहीं बल्कि अपने पौधों को गमलों में डाल दें. इससे आपके पौधों को भी पोषण मिलेगा.


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


Watch: श्रद्धालुओं के लिए खुले यमुनोत्री धाम के कपाट, देखें मनमोहक नजारा