Deoband Darul Uloom: देवबंद दारुल उलूम ने अंग्रेजी को लेकर नया फतवा जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि किसी छात्र ने इंग्लिश की पढ़ाई की तो उसे संस्थान से निकाल दिया जाएगा. उसके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी. इस्लामिक तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने छात्रों के लिए ये नया फरमान जारी किया है. इसके तहत कोई भी छात्र दारुल उलूम में पढ़ाई के दौरान इंग्लिश या किसी दूसरी भाषा का ज्ञान अर्जित नहीं कर सकेगा. दारुल उलूम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आदेश न मानने वाले छात्र के खिलाफ सीधे निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी.


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अंग्रेजी की पढ़ाई पर निष्कासन तय
फतवे में साफ तौर पर चेतावनी दी गई कि कोई छात्र अंग्रेजी सीखता पढ़ता नजर आया या किसी अन्य गोपनीय तरीके से दूसरी विदेशी भाषा की पढ़ाई करता है तो उसपर कार्रवाई होगी. उसे इस्लामिक संस्थान से निकाल दिया जाएगा. दारुल उलूम के तहत सैकड़ों की संख्या में मदरसे भी आते हैं, ऐसे में उन मदरसों पर भी इस फतवे का असर पड़ सकता है. हालांकि इस मामले में यूपी सरकार का रुख क्या रहता है, ये भी देखने वाला होगा.


हजारों छात्रों को गहरा झटका
दारुल उलूम के इस दिशानिर्देश से हजारों छात्रों को गहरा झटका लगा है जो दीनी तालीम के साथ दुनियावी पढ़ाई के लिए अंग्रेजी या फिर दूसरी भाषाओं का अध्ययन करना चाहते हैं. फरमान के अनुसार, पढ़ाई शुरू होने के बाद छात्र कमरे में दाखिल होता है और हाजिरी लगाकर पहले ही बाहर चला जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


पर्यटन मंत्री ने इसे अनुचित फैसला बताया
वहीं यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि दारुल उलूम का ये फैसला कतई उचित नहीं है. मुस्लिम छात्रों को विदेशी भाषा, तकनीकी ज्ञान आदि से दूर रखना उन्हें कट्टरता और आतंकवाद की ओर धकेलने वाला है. इस मामले में संस्थान के फैसले का अध्ययन किया जा रहा है. वहीं इस्लामिक स्कॉलर अब्दुल हामिद नोमानी का कहना है कि दारुल उलूम में तो अंग्रेजी और कंप्यूटर का ज्ञान खुद दिया जाता है. ऐसे में इस पर रोक लगाने की बात अफवाह है. ये तो इस्लामिक कक्षाओं को छोड़कर अंग्रेजी या अन्य भाषाओं के अध्ययन को लेकर पाबंदी बताई गई है. 


वहीं एजुकेशन एक्ट में भी कहा गया है कि कोई संस्थान किसी भी छात्र को किसी भी भाषा या कोर्स की पढ़ाई से रोक नहीं सकता. यूपी में अल्पसंख्यक बोर्ड भी इस दिशानिर्देश का अध्ययन कर रहा है.


यूपी सरकार के मंत्री जयवीर सिंह का बयान कहा कॉमन सिविल कोड हो चाहे यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट हो देश में लागू होना चाहिए एक देश में समानता होनी चाहिए.पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का बयान एक देश में समान नागरिक संहिता हो या फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड हो यह लागू होना चाहिए इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए.


मंत्री का बयान समाजवादी पार्टी योग दिवस और उसका भी विरोध करती है मदरसों में जांच हो उसका भी विरोध करती है वह सिर्फ  तुष्टीकरण की नीति करती है वह नहीं चाहती कि मुस्लिम समाज के बच्चे आगे बढ़े.पर्यटन मंत्री का बयान भारतीय जनता पार्टी और हमारी सरकार काम कर रही है अखिलेश यादव नेमी सारण जा रहे हैं जो लोग राम के अस्तित्व को नहीं मानते हैं वह राम को मानने लगे हैं कि हमारी जीत हैं.


 


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