शुभम पाण्डेय/लखनऊ: वाराणसी के ज्ञानवापी केस में वीडियोग्राफी को लेकर हो रहे हंगामे के बीच अब ताजमहल के सर्वे की भी मांग उठी है. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवा कर सरकार की तरफ से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की मांग की गई है. ज्ञानवापी मस्जिद में मां श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना और वीडियोग्राफी की मांग को लेकर हो रहे हंगामे के बीच अब ताजमहल के भी सर्वे उठ रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ताज के 22 कमरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां?
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में अयोध्या से बीजेपी के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह की तरफ से याचिका डाली गई है. रजनीश सिंह ने अपनी याचिका में मांग की है कि ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खोला जाए और एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाकर रिपोर्ट दाखिल की जाए, ताकि यह पता चल सके कि उन कमरों में आखिर क्या है. मान्यता है कि इन सभी कमरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं.


इतिहास के पन्नों पर लिखी है ऐसी बात?
हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका के पीछे रजनीश सिंह के वकील रूद्र विक्रम सिंह का तर्क है कि 1600 में आए तमाम यात्रियों ने अपने यात्रा वर्णन में मानसिंह के महल का जिक्र किया है, जबकि कहा जाता है कि ताजमहल 1653 में बना था. वहीं, 1651 का औरंगजेब का एक पत्र सामने आया, जिसमें वह लिखता है कि अम्मी का मकबरा मरम्मत कराने की जरूरत है. ऐसे तमाम तथ्यों के आधार पर अब पता लगाए जाने की जरूरत है कि ताजमहल के बंद इन 22 कमरों मे क्या है.


कांग्रेस ने किया बीजेपी पर अटैक
इसी को लेकर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई है. मांग की गई है कि इस मामले में सरकार एएसआई और इतिहासकारों की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाकर रिपोर्ट दाखिल करे. वहीं दूसरी तरफ, इस मामले पर अब सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी महंगाई-बेरोजगारी के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए समाज में सांप्रदायिकता का बीज बोकर अपनी चुनावी रोटियां सेंकने रही है. इसलिए ही ऐसी याचिकाएं दायर करवाई जा रही हैं, जो कहीं ना कहीं संविधान की अवधारणा का उल्लंघन है.


बीजेपी ने रखा अपना पक्ष
वहीं, बीजेपी इसे संविधान के द्वारा दिया गया न्यायपालिका को अधिकार का मुद्दा बताती है. बीजेपी का कहना है कि हर व्यक्ति को अधिकार है कि किसी विवाद के समय कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. अगर कोर्ट कानून की परिधि में रहकर निर्णय देता है, तो उसमें कांग्रेस को समस्या नहीं होनी चाहिए.


WATCH LIVE TV