नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इन दिनों डेंगू से हाल बेहाल हैं. जिला अस्पताल में मरीजों का अंबार लगा हुआ है. फिर भी यहां के सीएमएस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आलम यह है कि डेंगू के चलते जिले में बिगड़ते हालातों के बीच भी जिला अस्पताल के सीएमएस समय से ड्यूटी पर आने की जरूरत नहीं समझते. आज सुबह अस्पताल पहुंचने पर सीएमएस साहब का कमरा वीरान पड़ा था और कुर्सी खाली मिली.


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मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला
हम बात कर रहे हैं बाराबंकी जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बृजेश सिंह की. जिले में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन फिर भी सीएमएस साहब अस्पताल में समय से पहुंचने की जरूरत नहीं समझते. आज सुबह करीब सवा दस बजे सीएमएस साहब की कुर्सी खाली पड़ी मिली. कमरे में सन्नाटा पसरा था. मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला. जानकारी करने पर पचा चला की सीएमएस साहब तो अभी अस्पताल पहुंचे ही नहीं हैं. कई डाक्टरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सीएमएस साहब जबसे बाराबंकी आये हैं. वह कभी समय से अस्पताल नहीं आते और तो और वह समय से पहले ही अस्पताल से निकल भी जाते हैं. यह आलम तब है जब प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेस पाठक खुद दो बार यहां का निरक्षण करके अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं पर अपनी कड़ी नाराजगी जता चुके हैं.


वहीं, जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं की बात करें तो जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे अस्पताल में ही जगह-जगह मच्छर फैले हुए हैं. मरीजों के लिये पेयजल की भी व्यवस्था ठीक नहीं है. दिनभर डाक्टरों के पास और दवा काउंटर पर मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं. डाक्टर मरीजों को बाहर से दवा लाने के लिये पर्चा लिख रहे हैं, लेकिन सीएमएस साहब इन सब बातों से बेखबर आराम की नौकरी कर रहे हैं, क्योंकि शायद न तो उन्हें मरीजों की परेशानी से कोई फर्क पढ़ता है और न ही अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं से.