नीना जैन/सहारनपुर: आएएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान का देवबंद के उलेमा ने स्वागत किया है. उनका यह कहना है कि यह बयान देश में अमन के लिए बहुत जरूरी है. यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब देश में मंदिर और मस्जिद को लेकर नफरत फैली हुई है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे को लेकर कहा था कि संघ अयोध्या की तरह ज्ञानवापी को लेकर आंदोलन नहीं चलाएगा, जिसके बाद देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने उनके इस बयान का स्वागत किया है.


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देवबंदी उलेमा ने मोहन भागवत के बयान को बताया काबिलेतारीफ 
देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मैं मोहन भागवत जी के बयान से पूरी तरह से सहमत हूं, जो आजतक मूल्क के अंदर हुआ है उसे नंजरअंदाज करना चाहिए. आगे भाईचारे के साथ में इस मूल्क के अंदर रहे और हमारा मूल्क इस दुनिया का सबसे बेहतरीन मूल्क किस तरह से बने. इस तरफ सोचने की जरूरत है, लेकिन इस समय पूरे मूल्क में जो अफरा-तफरी का माहौल है. मंदिर और मस्जिदों को लेकर एक समझदार तबकों के अंदर बेचैनी का माहौल है. ऐसे मौके पर भागवत जी का बयान आना काबिलेतारीफ बयान है. 


ज्ञानवापी मसले को लेकर क्या बोले मोहन भागवत? 
गौरतलब है कि आएएसएस प्रमुख भागवत ने नागपुर में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग शिविर के समापन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि  ज्ञानवापी को लेकर मुसलमानों का विरोध नहीं किया जा रहा है. हम तो इस मामले में कुछ नहीं कह रहे हैं. हमने 9 नवंबर (2019) को कह दिया था कि एक राममंदिर का मुद्दा था जिसमें हमने अपनी प्रकृति के विरुद्ध किसी एतिहासिक कारण वश आंदोलन में शामिल हुए. हमने उस काम को पूरा किया. अब हमको कोई आंदोलन नहीं करना है, लेकिन यदि कुछ मुद्दे मन में हैं तो उठते हैं. यह किसी के विरुद्ध नहीं है.  इसे किसी के खिलाफ नहीं मानना चाहिए. 



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