Deoria News: देवरिया के रिहायशी इलाकों में हो रहा अस्पताल का वेस्टेज डंप, गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोग
उत्तर प्रदेश के हर जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई अहम मुहिम और योजनाएं चला रखी हैं. लेकिन देवरिय जिले में हो रही गंदगी से शहर के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है.
त्रिपुरेश पति त्रिपाठी/देवरिया: उत्तर प्रदेश के हर जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई अहम मुहिम और योजनाएं चला रखी हैं. लेकिन देवरिय जिले में हो रही गंदगी से शहर के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. कूड़े से उत्पन्न हो रही दुर्गंध से लोग बीमार पड़ रहे हैं.
डंपिंग सेंटर में फेंका जा रहा अस्पताल का कूड़ा
देवरिया जिले के न्यू कॉलोनी के चकिया रोड इलाके में कूड़ा डंपिंग सेंटर है. इस डंपिंग सेंटर में नर्सिंग होम के वेस्टेज डाले जा रहे हैं. जिसमें रूई ,काटेज , इंजेक्शन और खून से लथपथ कपड़े इत्यादि समान होते हैं. इस वजह से आसपास के इलाके में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके अलावा आवारा कुत्ते,जानवर कूड़ा डंपिंग सेंटर पर दिनभर जमे रहते हैं. आने जाने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
यहां रिहायशी इलाकों में शहर से लाया गया कूड़ा भी डंप किया जा रहा है. कूड़े से उत्पन्न हो रही बदबू के कारण लोग गंभीर बिमारियों से जूझ रहे हैं.
नियमों की अस्पताल उड़ा रहा धज्जियां
नगर निगम शहर को साफ़ करने के लिए घर घर से कूड़ा उठाने के लिए जद्दोजहद कर रही है. नियमों के अनुसार अस्पताल का वेस्टेज नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी में काले बेग और डस्टबिन के अंदर डालना होता है. लेकिन इस इलाके में दर्जनों की तादाद में नर्सिंगहोम नगर निगम के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए न्यू कॉलोनी के चकिया रोड इलाके के कूड़ा डंपिंग सेंटर में अस्पताल का वेस्टेज खुले में डाल रहे हैं.
कूड़ा डंपिग के कारण लोगों ने किया पलायन
इस कॉलोनी में कूड़ा डंपिंग और बदबू से हो रही बीमारी के कारण स्थानीय लोग अपने घर बेच कर यहां से चले गए हैं और अन्य जल्द ही यहां से जाने के लिए मजबूर हैं. स्थानीय लोगों ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत नगर पालिका, डीएम और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भी की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अस्पताल द्वारा फेंके गए वेस्टेज को चील और कौवे उनके घर तक पहुंचा देते हैं. स्थानीय लोगों की जानकारी के मुताबिक उन्होंने इस मामले की शिकायत जिले के सीएमओ से भी की. जब उनसे इस बात के लिए कहा गया, तो वो भी कार्रवाई के नाम पर टालमटोल बात घुमाते नजर आए.
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