बाबा महाकाल के दर पर बजेगा 51 किलो वजनी पीतल का घंटा, जानिए क्या है लखनऊ कनेक्शन
बाबा महाकाल के दर पर हर साल लाखों भक्त दुनिया के कोने-कोने से पहुंचते हैं. गुरुवार को लखनऊ के एक भक्त ने महाकाल के दर पर ऐसी वस्तु दान दी है, जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने उनका अभिनंदन किया है.
लखनऊ : उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में देश-विदेश से आने वाले भक्तों की भीड़ लगी रहती है. हर कोई बाबा महाकाल के दर्शन पाना चाहता है. इस मौके पर भक्त अपनी आस्था और आर्थिक क्षमता के मुताबिक बाबा महाकाल को दान भी करते हैं. गुरुवार को लखनऊ के एक श्रद्धालु ने महाकाल को 51 किलो वजन का पीतल का बड़ा घंटा मंदिर में भेट किया. भक्त की इस आस्था को देखते हुए मंदिर समिति ने प्रसाद भेंट कर अभिनंदन किया.
भगवान महाकाल के देश-विदेश के भक्तों द्वारा साल भर ही सोने, चांदी आभूषण के साथ ही नगद राशि दान दी जाती है. महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक आर के तिवारी के मुताबिक लखनऊ से पहुंचे श्रद्धालुगण अजय कुंवर और विमला यादव ने भगवान महाकाल की सेवा में 51 किलो वजन का पीतल का बड़ा घंटा भेट किया, जिसे कोठार शाखा में जमा किया गया है. जल्द ही इसे बाबा महाकाल के चरणों में अर्पित किया जाएगा.
दान में पारदर्शिता रखने के लिए यहां श्रद्धालुओं को विधिवत रसीद दी जाती है. लखनऊ के अजय कुंवर ने बताया कि वह साल में तीन-चार बार बाबा के दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं. उन्हें अंतर्मन से इसकी प्रेरणा हुई, जिसके फलस्वरूप यह भेंट मंदिर में अर्पित की गई.
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12 ज्योर्तिलिंग में शामिल उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद महाकाल के खजाने में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है. बताया जा रहा है कि जितना दान पिछले सालभर में नहीं आया, उससे ज्यादा तो तीन महीनों में आ चुका है. महाकाल मंदिर समिति को श्रद्धालुओं द्वारा 2021 में 22 करोड़ 13 लाख रुपए का दान मिला था. 2022 में यह बढ़कर 46 करोड़ 51 लाख रुपए पहुंच गया. इनमें से सबसे ज्यादा आखिरी तीन महीने में 22 करोड़ 50 लाख रुपए मिले हैं.
लगातार बढ़ रही भक्तों की संख्या
11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में 'महाकाल लोक' का लोकार्पण किया था. इसके बाद यहां दुनिया भर से आने वाले भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ गई है. पहले शनिवार, रविवार, सोमवार और पर्व के दिन छोड़कर हर दिन लगभग 15 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते थे. वर्तमान में लगभग 60 हजार श्रद्धालु हर दिन दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
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