कुलदीप नेगी/उत्तराखंड: प्रदेश में अब महिला नीति लाने की तैयारी है. राज्य महिला आयोग इस दिशा में काम कर रहा है. 8 दिसंबर को इस संबंध में देहरादून सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है जिसमें कि शासन के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे. जिलों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे. महिला नीति के जरिए पहाड़ की महिलाओं के आर्थिक , सामाजिक,राजनीतिक,सुरक्षा,स्वास्थ्य,स्वरोजगार सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए एक ठोस नीति बनाई जाएगी. इसके अलावा इस नीति के लिए महिलाओं से भी सुझाव लिए जाएंगे उत्तराखंड के महिला नीति में क्या हो. 


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विपक्ष का क्या कहना है
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है की राज्य के महिला सशक्तिकरण विभाग के द्वारा पहले भी महिला को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई गई आज उनका क्या हाल है पहले यह बताया जाए. पैनिक बटन से लेकर वन स्टॉप योजना की क्या स्थिति है यह भी बताएं. केवल की योजनाएं बनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि उन्हें धरातल पर भी उतारना होगा. उत्तराखंड राज्य निर्माण में पहाड़ की महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है लेकिन विडंबना यह भी है कि राज्य बनने के बाद भी अगर सबसे ज्यादा पीड़ा किसी के हिस्से में आई तो वह आज भी पहाड़ की महिलाओं के ही है. 


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जरूरत इस बात की है कि पहाड़ की महिलाओं की पहाड़ जैसी मुसीबतों को हल करने की और महिला नीति इस दिशा में एक उम्मीद की किरण साबित हो सकती है. दरअसल इससे पहले धामी सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का फैसला लिया था. महिला आरक्षण देने के बाद सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए महिला नीति को अहम माना जा रहा है. राज्य में लगभग 50 लाख महिलाएं हैं.