आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर लोकसभा सीटों (Rampur Loksabha By Election) के उपचुनाव के लिए प्रचार मंगलवार शाम समाप्त हो गया. भाजपा और सपा के कई नेता दोनों जगहों पर डेरा डाले हुए थे, लेकिन समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव दोनों लोकसभा सीटों में से किसी भी जगह प्रचार करने नहीं गए. इसको लेकर आजमगढ़ में चर्चा भी होती रही. इसको लेकर आजमगढ से सपा के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने कहा कि अखिलेश यादव भले ही नहीं है, लेकिन उनकी नजर आजमगढ़ पर है और वह किसी रणनीति के तहत नहीं आए जो हम मीडिया से साझा नहीं कर सकते हैं. 


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आजमगढ़ को बताया नेताजी की धड़कन 
धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ नेताजी की धड़कन और अखिलेश यादव का दूसरा घर है. आजमगढ़ की जनता का प्यार मिला है. भरोसे को बरकरार रखूंगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी की पूरी सरकार यहां पर उतर आई है, लेकिन आजमगढ़ की जनता हमारे साथ है. आजमगढ़ का  विकास नेता जी ने किया है. यहां की 10 सीटें  हमारे पास है.


धर्मेंद्र यादव ने कहा कि अब्बास अंसारी हमारी गठबंधन दल के विधायक हैं. 50 हजार से अधिक मतों से जीते हैं. वह प्रचार कर रहे हैं. हमारी लड़ाई ना तो बीजेपी से है ना ही बहुजन समाज पार्टी से है. उन्होंने कहा कि मतदान के बाद ईवीएम की रक्षा और सुरक्षा भी हम करेंगे. इसको लेकर किसी तरह का गड़बड़ी नहीं होने देंगे. 


बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. यहां पर हमेशा से यादव और मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा रहा है. यहां यादव वोटरों की तादाद 21 प्रतिशत है जबकि मुस्लिम मतदाता 15 प्रतिशत हैं. इसके अलावा 20 प्रतिशत दलित तथा 18 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां से बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को तीन लाख 61 हजार मतों से हराया था. 


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