कर्मकांड, ज्योतिष और वास्तुशास्त्र की पढ़ाई के साथ रोजगार दिलाएगी योगी सरकार, इन विद्यालयों से कर सकेंगे डिप्लोमा कोर्स
UP News : प्रदेश में 1166 संस्कृत माध्यमिक विद्यालय संचालित है. इनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. अभी तक संस्कृत विद्यालयों में ज्योतिष, दर्शन और संस्कृत साहित्य की पढ़ाई की जा रही थी. अब इन विद्यालयों में रोजगारपरक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा.
UP News : प्रदेश की योगी सरकार संस्कृत विद्यालयों का कायाकल्प करने जा रही है. संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार प्रदेश में 15 और आवासीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय स्थापित करेगी. साथ ही संस्कृत विद्यालयों में कर्मकांड के अलावा रोजगार परक शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा. कुल मिलाकर कर्मकांड पढ़ने के बाद छात्रों को रोजगार भी मिल सकेगा.
चार डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू
बता दें कि प्रदेश में 1166 संस्कृत माध्यमिक विद्यालय संचालित है. इनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. अभी तक संस्कृत विद्यालयों में ज्योतिष, दर्शन और संस्कृत साहित्य की पढ़ाई की जा रही थी. अब इन विद्यालयों में रोजगारपरक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा. वर्तमान सत्र से चार डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं. इसमें पौरोहित्य (कर्मकांड), व्यवहारिक वास्तुशास्त्र, व्यवहारिक ज्योतिष और योग विज्ञानम् शामिल हैं.
व्यवहारिक ज्ञान पर भी जोर
ये डिप्लोमा पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त विद्यालयों में स्ववित्तपोषित आधार पर संचालित होंगे. ये सभी पाठ्यक्रम एक साल में दो सेमेस्टर में विभाजित होंगे. साथ ही इंटर्नशिप के माध्यम से व्यवहारिक ज्ञान पर अधिक बल दिया जाएगा. इन डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में उत्तर मध्यमा (कक्षा 12वीं) या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे.
मुफ्त में मिलेंगी किताबें
साथ ही उच्च परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी प्रवेश ले सकते है. प्रवेश के लिए कोई आयु सीमा नहीं होगी. संस्कृत विद्यालयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने के लिए अध्यापकों की व्यवस्था प्रबंध समिति द्वारा अपने निजी स्त्रोतों के माध्यम से की जाएगी. इसी प्रकार परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार करते हुए ऑनलाइन परीक्षा आवेदन, अग्रिम पंजीकरण और परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराई जाएगी. वहीं, राजकीय और सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तक और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी.
वर्तमान में दो राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय
बता दें कि 17 साल बाद सरकार द्वारा नवीन संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता शुरू की गई है. प्रदेश में केवल 02 राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय हैं.
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