रायबरेली का यह दिव्यांग बच्चा बना मिसाल, पैरों से ही करता है सभी काम
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के एक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चे की पूरे जिले में सराहना हो रही है. यह बच्चा न चल सकता है और न ही बोल सकता है. उसका शरीर पूरी तरह अकड़ चुका है, लिहाजा ठीक से बैठने में भी दिक्कत है. इसके दोनों हाथ भी काम नहीं करते.
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के एक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चे की पूरे जिले में सराहना हो रही है. यह बच्चा न चल सकता है और न ही बोल सकता है. उसका शरीर पूरी तरह अकड़ चुका है, लिहाजा ठीक से बैठने में भी दिक्कत है. इसके दोनों हाथ भी काम नहीं करते. इसके बावजूद शारीरिक रूप से अक्षम इस बच्चे ने हार नहीं मानी. इसने अपने पैरों को हथियार बनाया और आज यह बच्चा न केवल उससे लिखता है बल्कि ड्राइंग भी बनाता है.
6 साल पहले हुआ था बिमार
रायबरेली के बरखापुर निवासी उदयराज मजदूरी करते हैं. अब से लगभग छह साल पहले चार भाई बहनों में सबसे बड़ा जीतेन्द्र स्कूल से वापस आया तो उसे उल्टी हुई और बुखार चढ़ गया. पहले स्थानीय झोलाछाप डाक्टरों को दिखाया, फिर जिला अस्पताल लेकर गए. मामला दिमागी बुखार का था. लिहाजा केस बिगड़ चुका था. शरीर अकड़ चुका था और हाथ पैर का मूवमेंट खत्म हो चुका था.डाक्टरों ने कहा अब इसका आगे कोई इलाज नहीं है. घर ले जाओ और समय का इंतज़ार करो अपने आप ठीक होगा.समय बीतता गया लेकिन शरीर के अंग पर उसका नियंत्रण नहीं बन पाया.
सभी काम पैरों से ही करता है जीतेन्द्र
धीरे धीरे जीतेन्द्र का अपने पैरों पर नियंत्रण होने लगा तो वह छोटे मोटे काम पैरों से करने लगा. इसी बीच प्राथमिक शिक्षा विभाग में स्पेशल एजुकेटर के पद पर तैनात अभय श्रीवास्तव के संपर्क में जीतेन्द्र आया तो उसके सपनों को पंख लग गए. फिर से उसका क्लास थर्ड में एडमिशन कराया गया. सामान्य बच्चों के बीच बैठ कर वह असामान्य तरीके से पैरों का इस्तेमाल कर लिखने लगा. अब तक वह 12 साल की उम्र को छूते हुए क्लास फिफ्थ में पहुंच गया और ज्यादातर काम पैरों से करता है.पैरों से ही मोबाइल चलाता है. पानी भी पैरों से ही पीता है.
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