इतिहासकार डॉ. विक्रम का विवादित बयान : महात्मा गांधी नहीं, ज्योतिबा फुले को होना चाहिए राष्ट्रपिता
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के बयान पर बवाल मच गया है. प्रो. ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और महान समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले की तुलना में बेतुका बयान दिया है.
प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.विक्रम के विवादित बयान थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उनका एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी नहीं, बल्कि ज्योतिबा राव फुले को राष्ट्रपिता का दर्जा मिलना चाहिए था. हालांकि जी मीडिया इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता. वीडियो में डॉ.विक्रम ने कह रहे हैं, इतिहासकारों और समाज के लोगों ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा देकर गलत किया है. देश के निर्माण में ज्योतिबा राव फुले का अहम योगदान रहा है. उनके काम को देखते हुए उन्हें ही यह उपाधि मिलनी चाहिए.
वीडियो हुआ वायरल
वायरल वीडियो के बारे में डॉ.विक्रम ने स्वीकार्य कि यह बयान उन्होंने ही दिया है. अपनी बात दोहराते हुए उन्होंने कहा, गांधी जी को भारत के राष्ट्रपिता का दर्जा नहीं मिलना चाहिए. इसके असली हकदार ज्योतिबा राव फुले हैं. उनका कार्य गांधी जी तथा अन्य लोगों से बहुत बड़ा था.
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
ये पहला मौका नहीं है जब डॉ विक्रम ने इस तरह विवादित बयान दिया हो. डॉ.विक्रम का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय कई बार उन्हें उनके विवादित बोल पर नोटिस दे चुका है. कुछ माह पूर्व उन्होंने आविश्वविद्यालय में जाति के आधार पर नंबर दिए जाने की बात कहकर बवाल खड़ा कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने धर्म पर विवादित टिप्पणियां की थीं, जिसे लेकर काफी विरोध हुआ था.
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