UP के 2066 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी उपलब्ध: उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय
योगेन्द्र उपाध्याय ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की 100 दिन की उपलब्धियं गिनाते हुए कहा कि प्रदेश की आवश्यकतानुसार विभिन्न विषयों में शोध एवं विकास कार्य किये जा रहे हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने प्रदेश सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूर्ण होने पर आज लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों के समक्ष अपने विभाग की 100 दिवसीय विभागीय उपलब्धियां और भावी कार्ययोजना की रूपरेखा प्रस्तुत की. इस दौरान उन्होंने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री के विजन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन से लगातार अपने दूसरे कार्यकाल में भी सेवा, सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित होकर सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास एवं सबके प्रयास से प्रदेश को ऊचाईयों पर ले जाने के लिए जनता के हित में कार्य कर रही है.
राजकीय महाविद्यालयों में स्थापित होंगे स्मार्ट क्लास
योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सभी 172 राजकीय महाविद्यालयों में ही-रिनोवेशन मिशन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में बजट का प्रावधान किया गया है. जिसके तहत 87 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के लिए रू0 10.00 करोड़, उच्च शिक्षा निदेशालय परिसर में ई-कंटेंट स्टूडियो स्थापित करने के लिए रू0 1.00 करोड़, प्रथम चरण में 36 राजकीय महाविद्यालयों के प्रयोगशाला उच्चीकरण हेतु रू0 1051.01 लाख, 111 राजकीय महाविद्यालयों में वैज्ञानिक एवं तकनीकी पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु रू० 203 लाख का बजट की व्यवस्था की गई है. इसी प्रकार कुल 172 राजकीय महाविद्यालयों में खेलकूद इंफ्रास्ट्रक्चर के उच्चीकरण हेतु योजना स्वीकृत. ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण हेतु सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के लिए रू0 116.50 लाख की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में 170 पदों पर प्रोफेसर पदोन्नत और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 422 एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर बनाया गया और 1200 रिक्त पदों पर नियुक्ति की गई। निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया को और अधिक सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूर्णतः आनलाइन करने के लिए पोर्टल शुरू किया गया. दो निजी विश्वविद्यालयों में मेट्रो यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा एवं के० एम० (कृष्ण मोहन) विश्वविद्यालय, मथुरा की स्थापना के लिए संस्तुति प्रदान की गयी.
इसी प्रकार 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क स्थापित, जिससे डिजिटल टीचिंग-लर्निंग को प्रोत्साहन मिलेगा. राजकीय महाविद्यालय पाही चित्रकूट, जखौरा ललितपुर, पुरवा उन्नाव, जेवर गौतमबुद्धनगर 04 राजकीय महाविद्यालयों के निर्माण का कार्य पूर्ण. इसी प्रकार प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं डा० भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा में स्थापित राज्य विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेटर्स की स्थापना की गई. उच्च शिक्षा में तकनीकी प्रयोग के लिए एबकस-अप शुरू किया गया जिससे एनईपी-2020 अनुरूप क्रेडिट ट्रांसफर, रिसोर्स शेयरिंग, कलस्टरिंग संभव हो पाएगी. महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथाओं को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया. शैक्षणिक गतिविधियों को वार्षिक कैलेण्डर के अनुरूप संचालित किया गया है.
योगेन्द्र उपाध्याय ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की 100 दिन की उपलब्धियं गिनाते हुए कहा कि प्रदेश की आवश्यकतानुसार विभिन्न विषयों में शोध एवं विकास कार्य किये जा रहे हैं. अभी तक 979 शोध प्रस्ताव ऑनलाइन प्राप्त हो चुके हैं. सीएसटीयूपी समर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के तहत परास्नातक के विद्यार्थियों को समर रिसर्च टेªनिंग कराई जा रही है एवं फेलोशिप भी दी जा रही है. इसके तहत अब तक 1872 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें से 35 विद्यार्थियों को चयनित किया गया है.
लखनऊ में स्थापित इंदिरागांधी नक्षत्रशाला एवं गोरखपुर में स्थापित वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए ग्लोबल ई-निविदा आमंत्रित की जा रही है. विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूचि जागृत करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव ’विज्ञान उत्सव’ कार्यक्रम के तहत ’साइंस एण्ड सोसाइटी’ थीम पर 21 अप्रैल को, ’फ्यूचर टेक्नोलाजीज फार आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर 25 मई को एवं ’बेसिक साइंस फार आत्मनिर्भर भारत’ की थीम पर 06 जून को ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किये गए. इसी प्रकार टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना तथा जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत नील हरित शैवाल जैव उर्वरक एवं एजोला के उत्पादन प्रक्रियाधीन है.
उन्होंने बताया कि रिमोट सेन्सिंग तकनीक के माध्यम से प्रदेश के समस्त प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन एवं आंकलन किया जा रहा है. इसके तहत झांसी के बबीना में उपग्रहीय चित्रों एवं सर्वे आफ इंडिया टोपोशीट के माध्यम से रेल एवं रोड नेटवर्क तथा कैनाल व डेªनेज लेयर के आधार पर मानचित्रों के अपडेशन का कार्य पूर्ण. लखनऊ में आम के बागानों का सेटेलाइट डाटा से मानचित्रीकरण किया जा रहा है. फर्रूखाबाद के कमालगंज में जैव विविधता बढ़ाने एवं कृषि लागत को कम करने के लिए मृदा स्वास्थ्य एवं मृदा कार्बन संरक्षण विधियों का उपयोग. जल संरक्षण हेतु सिद्धार्थनगर, महोबा एवं कानपुर देहात में वाटर वाडीज का सेटेलाइट चित्रों से मानचित्रण. प्रदेश में वन क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए श्रावस्ती के भिंगा में संरक्षित वन क्षेत्र में हुए कालिक परिवर्तनों का अध्ययन किया गया. बाढ़ एवं सूखे का अध्ययन तथा नदियों के पुर्नरूद्धार हेतु हमीरपुर एवं महोबा में बहने वाली दसान नदी का अध्ययन करने के लिए इस तकनीक का प्रयोग. इसी प्रकार रिमोट सेन्सिंग, जीआईएस, जीपीएस तकनीक के प्रयोग का विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम व कार्यशाला हेतु वार्षिक कैलेन्डर बनाया गया.
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