विशाल सिंह/लखनऊः लखनऊ में ईद का चांद नजर आ चुका है. देशभर में ईद-उल-फितर मंगलवार को मनाई जाएगी. यह त्योहार रमजान के पाक महीने के बाद अमन और भाईचारे का पैगाम लेकर आता है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हुए अमन और चैन की दुआ मांगते हैं.


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लखनऊ में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने समुदाय के लोगों से अपील की है कि सरकार द्वारा बनाए गए नियम, कानूनों का पालन करें. मौलाना ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लाउडस्पीकर और तमाम दूसरे नियमों का ख्याल रखें. लोग मस्जिदों के अंदर ही नमाज पढ़ें. कोविड संक्रमण के 2 साल बाद धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया जा रहा है. 


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वहीं, बरेली में भी आज चांद दिखाई दे गया. कल पूरे मुल्क में ईद का पर्व मनाया जाएगा. दरगाह आला हजरत में चांद दिखाई देने के बाद ईद की घोषणा की गई. चांद दिखाई देने के बाद 30 रोजा रमजान समाप्त हो जाएंगे. दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने ईद के चांद दिखाई देने की पुष्टि की.


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कल देशभर में मनाया जाएगा ईद का त्योहार 
बरेली के दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने कहा कि रमजान मुबारक के 30 रोजे पूरे हो चुके हैं. रोजा इफ्तार के बाद आज दरगाह पर दरगाह सरपरस्त मौलाना मोहम्मद सुभान रजा खान की सरपरस्ती में चांद देखा गया. आसमान में जब चांद नजर आया तो लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद. उन्होंने कहा कि पूरे 30 रोजे का इनाम अल्लाह ताला मुसलमान को ईद के रूप में देता है.


मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने कहा कि हम तमाम देशवासियों को ईद की मुबारकबाद देते हैं और उनसे अपील करते हैं कि आपस में तमाम गिले-शिकवे मिटाकर भाई चारे के साथ ईद की खुशियां मनाएं. गरीबों का खास ख्याल रखें. एक अपील ये भी है कि जहां ईद की नमाज के लिए जगह मुकर्रर की गई है, वहीं पर नमाज़ अदा करें. कोई नइ परंपरा ना डालें. यह खुशियों का त्यौहार है आपस में मिल बांटकर मनाएं.


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बाजार में 2 साल बाद लौटी रौनक 
कोरोना की वजह से पिछले दो साल रमजान का महीना फीका ही रहा. कोविड काल में लगाई गईं पाबंदियों के चलते बाजार बंद रहे, लेकिन इस साल बाजारों में कोविड के पहले वाली रौनक बरकरार है. लोगों ने सेवई, टोपी, इत्र, ड्राइफ्रूट, कुर्ता पजामा और अन्य त्योहारी सामान की खूब खरीदी की.


देश के हर हिस्से में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में यही आलम रहा. पुरानी दिल्ली में भी पूरे रमजान माह लोगों ने अलग-अलग तरह के जायकों का लुत्फ उठाया. यहां रमजान महीने में कुछ ऐसे पकवान बनाए जाते हैं, जो सालभर में सिर्फ इसी माह में देखने को मिलते हैं.


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