समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को चुनाव आयोग (Election Commission) ने नोटिस भेजा है. चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उस आरोप पर सबूत देने को कहा है, जिसमें उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया था कि मुस्लिमों और यादवों के नाम वोटर लिस्ट से जानबूझकर काटे गए हैं. अखिलेश यादव ने हाल ही में सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान ऐसे सनसनीखेज आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि भाजपा (BJP) के निर्देश पर चुनाव आयोग ने हर विधानसभा सीट से 20 हजार यादव औऱ मुस्लिमों के वोट मतदाता सूची से काट दिए हैं.


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पूर्व मुख्यमंत्री ने इस तरह विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली करारी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ने की कोशिश की. अखिलेश यादव ने कहा था कि पुलिस-प्रशासन और चुनाव आय़ोग की पूरी मशीनरी ने मिलकर सपा को हराने और बीजेपी को जिताने के लिए काम किया.बीजेपी को यूपी विधानसभा चुनाव की 403 विधानसभा सीटों में से 255 पर जीत मिली थी. जबकि सपा रालोद गठबंधन 111 पर अटक गया था. सपा को उम्मीद थी कि यूपी में किसी भी सरकार के दोबारा वापसी न करने का तीन दशक पुराना रिकॉर्ड बरकरार रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 


सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. पूर्व सीएम ने दावा किया, चुनाव आयोग से निष्पक्षता और पारदर्शिता की उम्मीद थी, लेकिन बीजेपी की शह पर हर विधानसभा सीट से 20-20 हजार यादव और मुसलमान मतदाताओं के नाम हटा दिए गए. बड़े पैमाने पर बूथों में बदलाव कर दिया. चुनाव के बाद लोगों को आश्चर्य हुआ कि आखिर बीजेपी ने दोबारा कैसे सरकार बना ली. जबकि चुनावी रैलियों और जनसभाओं से यह साफ था कि समाजवादी पार्टी को भारी जन समर्थन मिल रहा है. जबकि बीजेपी को दोबारा भारी बहुमत प्राप्त हुआ.
 


Election Commission Notice to Akhilesh Yadav