लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिजली बिल भुगतान में अनियमितता मिलने पर बड़ा एक्शन किया गया है. जिसके तहत विभाग ने संबंधित बिजली कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराया है. बिल संशोधन में अनियमितता के आरोप में एक अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी और तीन कार्यकारी सहायकों के विरूद्ध एफआईआर कराई गई है.


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अनियमितता मामले में चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज
अनियमितता के आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. जिन कर्मियों के खिलाफ एफआईआर की गई है, उनमें हरिशंकर अधिशासी अभियंता, ईश्वर शरण सिंह उपखंड अधिकारी, अविनाश मणी पांडेय कार्यकारी सहायक, राजकपूर कार्यकारी सहायक और रूद्रप्रताप पांडेय कार्यकारी सहायक शामिल हैं.


उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी
इस मामले में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के बिल संशोधन में शिकायत मिली थी. जिसके बाद दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी.  जांच रिपोर्ट में पाया गया कि विभागीय उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता की रिपोर्ट किसी भी संशोधन में नहीं ली गई. वहीं, उपभोक्ता द्वारा पार्ट पेमेंट करने के मामले में सरचार्ज गणना नियमानुसार नहीं की गई.


कई मामलों में मिल गई अनियमितता
आपको बता दें कि इसके अलावा भी कई मामलों में अनियमितता मिली हैं. जैसे उपभोक्ताओं के मीटर बदलने, नए मीटर की सीलिंग ठीक ढंग से न करना, उपभोक्ता की प्रतिमाह बिजली खपत अत्यन्त कम होने के मामले सामने आए.  इसके अलावा उपभोक्ताओं द्वारा आरसी, डीसी के मद में जमा की गई धनराशि को भी उपभोक्ताओं के बिल से घटा दिया गया. जबकि, इस धनराशि का मद अलग है. इससे उपभोक्ता को अनुचित लाभ भी मिला है. सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए विधिक कार्रवाई की जा रही है. साथ ही इनके खिलाफ अनुशासनात्मक भी करवाई की जाएगी.


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