Ghazipur: गाजीपुर में एक्सटॉर्शन का मामला आया सामने, भाई ने सगे भाई पर लगाए गंभीर आरोप
गाजीपुर में मनी एक्सटॉर्शन का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक सिंह कोल्डस्टोरेज गाजीपुर के एमडी प्रदीप सिंह ने अपने सगे बड़े भाई सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर, मलदहिया वाराणसी के निदेशक डॉ. अशोक सिंह पर ये आरोप लगाया है. आरोप है कि डॉ. अशोक सिंह और उनकी पत्नी डॉ.
गाजीपुर: गाजीपुर में मनी एक्सटॉर्शन का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक सिंह कोल्डस्टोरेज गाजीपुर के एमडी प्रदीप सिंह ने अपने सगे बड़े भाई सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर, मलदहिया वाराणसी के निदेशक डॉ. अशोक सिंह पर ये आरोप लगाया है. आरोप है कि डॉ. अशोक सिंह और उनकी पत्नी डॉ. अंशु सिंह द्वारा प्रदीप सिंह और उनकी पत्नी अंजुला सिंह को गलत तरीके से मुकदमें में फंसाने की धमकी दे रहे हैं. साथ ही पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं. आइए बताते हैं पूरा मामला.
आपको बता दें कि गाजीपुर के प्रसिद्ध व्यवसायी और एक जमाने में पूर्वांचल के लिकर किंग रहे ठाकुर रामसकल सिंह के दोनों बेटे डॉ. अशोक सिंह और प्रदीप सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आज मंगलवार को प्रदीप सिंह ने गाज़ीपुर पत्रकार भवन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आज उन्हें न चाहते हुए मीडिया को माध्यम बना कर अपनी बात कहनी पड़ रही है कि सिंह मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर वाराणसी के निदेशक डा. अशोक सिंह जो मेरे सगे बड़े भाई हैं, उन्होंने मेरे और मेरी पत्नी के ऊपर जो भी आरोप लगाए हैं, उनके आरोपों का खंडन कर रहा हूँ, मेरे बड़े भाई अशोक कुमार सिंह की नीयत मेरे व मेरी पत्नी के प्रति गन्दी तथा हमेशा से नीचा दिखाने की रही है.
इस बात की जानकारी मेरी माता राजेश्वरी देवी को जब हुई और उन्होंने इस बात की जानकारी डॉ अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी डॉ अंशु सिंह व मेरी बहनो को दी तो अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी अंशु सिंह ने माता राजेश्वरी देवी को जहर देकर अपने रास्ते से हटाना चाहा। माता राजेश्वरी देवी द्वारा इसके सम्बन्ध में वीडियो बनवाकर मुझे दिया गया है जिससे कि आगे वक्त जरूरत काम आवे, उस वीडियो को प्रदीप सिंह ने पीसी में चलाकर दिखाया, जिसमें उनकी माँ ने अशोक सिंह व उनके परिवार पर् गम्भीर आरोप लगाए हैं, हालांकि अब राजेश्वरी देवी इस दुनियां में नहीं हैं, बीते साल 2021 में उनका देहांत हो चुका है, उनकी मौत के लगभग डेढ़ साल बाद ये वीडियो मीडिया के सामने आया है।
प्रदीप सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी के ऊपर भाई अशोक कुमार सिंह की नीयत गलत रहने की वजह से माता राजेश्वरी देवी ने मुझे तथा पत्नी व मेरे बच्चों को भाई अशोक कुमार सिंह व उनके परिवार से महफूज रखने के लिए एक वसीयतनामा दिनाँक 10 अक्टूबर 2012 को तहरीर कर जिला निबन्धक गाजीपुर के यहां दिनाँक 24/09/2012 को सुरक्षित जमा कर दिया और एडीएम साहब के यहां वसीयत जमा करने की रसीद और असल की नकल अपने आलमारी में रख दिया, ताकि अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी व बहनों को वसीयत की जानकारी न हो सके, नहीं तो माता राजेश्वरी देवी को डर था कि उनके वसीयत की जानकारी होने पर अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी व मेरी बहनें उनकी हत्या कर देगें। जिसकी आशंका उन्होंने वीडियो बना कर भी कर रखा है।
प्रदीप सिंह ने दावा किया कि बड़े भाई डॉ. अशोक कुमार सिंह द्वारा न्यायालयों में शपथ-पत्र व विभिन्न पंजीकृत दस्तावेजों में वसीयतनामा की सत्यता को स्वीकार करने के पश्चात कई जमीनों के एग्रीमेंट और रजिस्ट्री भी किया है जिसका सारा सबूत उनके पास मौजूद है, उन्होंने बताया कि वे उनसे करोड़ो रूपये की एक्सटॉर्शन मनी चाहते हैं और अब गलत कहानी रचकर फर्जी तौर पर थाना कोतवाली गाजीपुर व थाना सिगरा वाराणसी में मेरे व मेरी पत्नी के विरुद्ध महज धन उगाही और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक क्षति पहुंचाने के लिए फर्जी एफआईआर दर्ज करा दिया है. अशोक कुमार सिंह ने मेरा रुपया हड़पने और जान से मरवाने का गरज से गलत तथ्यों के आधार पर वाराणसी न्यायालय में मुकदमा भी दाखिल किया है.
आपको बता दें कि अभी हाल ही में डॉ. अशोक सिंह ने वाराणसी में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर मेरे और मेरी पत्नी के विरुद्ध लगाए गए आरोप बिलकुल गलत और निराधार है. और महज धन उगाही और बदनाम करने के लिए की गई है, जिसमें कोई सत्यता नहीं है. मेरे द्वारा वर्णित तथ्य व अशोक कुमार सिंह द्वारा वर्णित तथ्य की निष्पक्ष जांच शासन द्वारा कराकर अशोक कुमार सिंह के विरुद्ध कार्रवाई किया जाना आवश्यक है. प्रदीप सिंह ने वसीयत के साथ अशोक कुमार सिंह और उनके द्वारा जमीन बिक्री के कई दस्तवेज़ भी दिखाए जिसमें उनके और भाई अशोक कुमार सिंह के संयुक्त हस्ताक्षर भी थे। प्रदीप सिंह ने मीडिया के माध्यम से जांच अधिकारियों और संबंधित विभागों से अपील की है कि ईमानदारी से जांच कर लिया जाए मेरे सामने मेरे भाई को बिठाकर बात कर लिया जाए तो सारा सच सामने आ जाएगा.