लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब बहने वाले नालों के पानी से किसानों की फसलें लहलहाती नजर आएंगी. योगी सरकार इस योजना को जल्द जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है. यूपी सरकार में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने समीक्षा बैठक में इसको लेकर खाका तैयार करने के निर्देश दिए. उनका जोर नालों के पानी को नदियों में गिरने से रोकने के साथ नाले के पानी का सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने पर है. 


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इसको लेकर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि इस योजना के जरिए न केवल नदियों में गिरने वाले नालों को रोका जा सकेगा, बल्कि कृषि के लिए कम लागत में सिंचाई की व्यवस्था भी होगी. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से प्रयोग के तौर पर इस योजना का खाका तैयार करने को कहा है. 


नालों की निगरानी के लिए बनाई जाए कमेटी
उन्होंने कहा कि नालों के आसपास की कृषि भूमि को सिंचाई के लिए जल मिलने से सिंचाई में खर्च होने वाले जल का भी संरक्षण हो सकेगा. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में बहने वाले 848 नालों की मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा है कि सभी नालों की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए. कमेटी में नालों के आसपास रहने वाले लोग और समाज से जुड़े लोग सदस्य बनाए जाएं. 


मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे विभाग राज्य में संचालित सभी एसटीपी संचालन की जांच भी करेगा. समीक्षा बैठक में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव ने चेतावनी देते हुए इंजीनिरयरों से कहा कि नदियों में सीवर सीधे पहुंचा तो उन पर सख्त और बड़ी कार्रवाई होगी. 


उन्होंने इंजीनियरों को निर्देश दिए कि जल संरक्षण और जल संवर्धन की दिशा में नए-नए प्रयोग करने से पीछे नहीं हटें. बेहतर काम करने वाले इंजीनियरों को विभाग सम्मानित भी करेगा. उन्होंने इसी महीने से गंगा की सीसीटीवी से निगरानी की योजना को जमीन पर उतारने और हर एसटीपी की कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी के भी निर्देश दिए हैं. समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे की संचालित परियोजनाओं से नदियों की स्वच्छता में अभूतपूर्व पर्वितन आए हैं.