Farrukhabad : फर्रुखाबाद बेसिक शिक्षा विभाग में संविदाकर्मियों का भर्ती घोटाला सामने आया, सरकारी खाते से निकाले गए लाखों रुपये
Farrukhabad : फर्रुखाबाद बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां बिना योग्यता के ही दो साल पहले अधिकारियों ने की थी विभाग में फर्जी नियुक्ति, फर्जी खरीदारी का बिल दिखा कर जेम पोर्टल( सरकारी खाता) से निकाले लाखों रुपये
अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के Farrukhabad से बेसिक शिक्षा विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर और जिला समन्वयक के पद पर फर्जी नियुक्ति करने का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी की मिली भगत से यह भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है, जहां कंप्यूटर ऑपरेटर और जिला समन्वयक की बिना योग्यता के ही फर्जी नियुक्ति कर दी गई.भ्रष्टाचार की जानकारी मिलते ही उच्च अधिकारियों ने मामला संज्ञान में लेकर जांच के आदेश दिए हैं.
योग्यता और विज्ञापन के बिना ही कर दी नियुक्ति
जानकारी के अनुसार दो साल पहले कंप्युटर ऑपरेटर और जिला समन्वयक के तौर पर बिना किसी विज्ञापन के सीधे अकाउंटेंट और कंप्यूटर ऑपरेटर की फर्जी भर्ती कर दी गई, जबकि जिला समन्वयक की योग्यता के तौर पर बीटेक मांगा गया है लेकिन यहां पर कंप्यूटर डिप्लोमा लगा कर के ही फर्जी भर्ती कर ली गई.
जेम पोर्टल से निकाले लाखों रुपये
भ्रष्टाचार की हदें पार करते हुए सरकारी खातों से लाखों रुपये निकाल लिए गए. दरअसल जेम पोर्टल पर फर्जी खरीदारी के बिल दिखाकर जैसे कि प्रजेक्टर, खेल किट, चहक किट, और विज्ञान खरीद दिखा कर लाखों रुपये सरकारी खाते से निकाल लिए गए. इसके अलावा सेविंग अकाउंट में बिना किसी नियुक्ति के पैसे डालकर निकालने का भी मामला सामने आया है. इस पूरे मामले का संज्ञान लेकर एडी बेसिक कानपुर मंडल ने जांच के आदेश दिए हैं.
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फर्रुखाबाद बीएसए से भ्रष्टाचार का मामला आया सामनेसरकारी खाते से लाखों रुपये के बजट का हेर फेर करने में बेसिक शिक्षा अधिकारी का भी हाथ सामने आया है. फर्जी नियुक्ति और जालसाजी से नकली खरीदारी का बिल लगाकर सरकार को चुना लगाने वाला फर्रुखाबाद बेसिक शिक्षा विभाग अब उच्च अधिकारियों की जांच की रडार पर या गया है.
ऑपरेटर को दे दिया वित्तीय चार्ज
बेसिक शिक्षा विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर को ही अधिकारियों ने विभाग का वित्तीय चार्ज सौंप दिया, जबकि वह इस जिम्मेदारी के लिए पात्रता भी नहीं है. बावजूद इसके भी विभाग का वित्तीय चार्ज कंप्यूटर ऑपरेटर ही चला रहा है. जी न्यूज ने जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस प्रकरण की बात की तो उन्होंने तत्काल रूप से जांच कराने की बात कही है.