जयपाल/वाराणसी: वाराणसी में फर्जी डिग्रियों के सहारे सरकारी नौकरी कर रहे सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के 18 अधिकारी और कर्मचारियों पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) एफआईआर दर्ज करने जा रही है. इसमें 2004 से 2014 के बीच नियुक्त हुए प्रोफेसर, प्रबंधन, रजिस्टार पद से जुड़े लोगों का नाम शामिल है. एसआईटी की सिफारिश पर शासन ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. 


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ऐसे हुआ खुलासा 
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब बागपत में डायट के प्राचार्य की जांच में सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की असलियत सामने आई थी. उस मामले में प्राचार्य ने एफआईआर दर्ज कराई थी. 2015 में मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी.


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200 से ज्यादा प्रमाण पत्र और दस्तावेज संदिग्ध
एसआइटी ने 75 जिलों में 6 हजार से ज्यादा शिक्षकों की डिग्रियों व दस्तावेजों की जांच करवाई. जिनमें एक हजार से ज्यादा शिक्षकों की डिग्रियां फर्जी पाई गईं. जबकि 200 से ज्यादा के प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज संदिग्ध थे. एसआईटी ने जांच में पाया कि सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय ने सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर नियुक्ति की थी. दस्तावेजों के रखरखाव में भी भारी अनियमितता पाई गई. जानकारी के मुताबिक जिन लोगों को फर्जी डिग्रियां दी गईं, उनमें 1300 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी मिली. जिसमें 207 शिक्षक भी शामिल हैं. 


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