Firozabad: सड़क पर सच्चाई लाकर कॉन्स्टेबल ने सुधरवाई 250 पुलिसकर्मियों के खाने की क्वालिटी
Firozabad Police Constable Viral Video Update: सिपाही ने कैमरे के सामने रो-रो कर अपना दर्द बयां करते हुए अपने खाने की थाली को दिखाया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए आगरा जोन के एडीजी ने फिरोजाबाद पहुंचकर मेस की व्यवस्थाओं और खाने की गुणवत्ता को चेक किया.
प्रेमेंद्र कुमार/फिरोजाबादः यूपी के फिरोजाबाद जिले से कुछ दिनों पहले एक सिपाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें सिपाही वर्दी में पुलिस लाइन की मेस के खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए हाईवे पर आया था. इस घटना को लेकर आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने शनिवार को फिरोजाबाद पहुंच कर मेस का निरीक्षण किया. उन्होंने सिपाहियों को हिदायत दी कि अगर किसी को कोई समस्या है तो सीधे अधिकारियों से शिकायत करें, पुलिस विभाग का अनुशासन न तोड़ें.
सिपाही ने रो-रो कर किया था अपना दर्द बयां
दरअसल, फिरोजाबाद पुलिस लाइन में तैनात सिपाही मनोज कुमार जिसकी ड्यूटी फिलहाल जनपद न्यायालय के सम्मन सेल में है ने खाने की गुणवत्ता को लेकर हंगामा किया था. वह भोजन की गुणवत्ता से नाराज था. उसका कहना था कि उसे जो भोजन की थाली दी गई है, उसमें दाल के नाम पर पानी और रोटियां सूखी और कच्ची हैं. सिपाही ने कैमरे के सामने रो-रो कर अपना दर्द बयां करते हुए अपने खाने की थाली को दिखाया था.
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राजपत्रित अधिकारी भी मेस में खाने हैं खानाः एडीजी
इस मामले की गूंज लखनऊ तक भी पहुंच चुकी है. मामले की गंभीरता को भांपते हुए आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने शनिवार को फिरोजाबाद पहुंचकर पुलिस लाइन के मेस की व्यवस्थाओं और खाने की गुणवत्ता को चेक किया. इस मैस में 200-250 पुलिसकर्मियों द्वारा खाना खाया जाता हैं.
एडीजी राजीव कृष्ण ने कहा कि हर दिन राजपत्रित अधिकारी जवानों के साथ में भोजन लेते हैं और इन्श्योर करते हैं कि खाने की क्वालिटी में कोई कमी ना आए. कभी किसी ने खाने की गुणवत्ता की शिकायत नहीं की है. अभी एक कॉन्स्टेबल द्वारा मेस के खाने के संबंध में कुछ टिप्पणियां की गई थी. कांस्टेबल द्वारा इसकी शिकायत की गई है इसीलिए इसकी जांच सीओ को सौंपी गई है.
पुलिस एक अनुशासित विभाग हैः एडीजी
अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन राजीव कृष्ण ने कहा कि पुलिस एक अनुशासित विभाग. विभाग में तमाम माध्यम है जिसके जरिए शिकायतों को अधिकारियों तक पहुंचा जा सकता है. इसलिए अगर किसी को शिकायत है तो वह उच्चाधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा सकता है, लेकिन किसी को भी अनुशासन नहीं तोड़ना चाहिए.
साथ ही उन्होंने मीडिया को भी इस तरह की खबर छापने से परहेज करने की हिदायत दी. जबकि सिपाही ने पुलिस लाइन के बाहर हाईवे पर पहुंचकर उच्चाधिकारियों पर भी आरोप लगाया था कि उसकी बात को कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है, बल्कि उल्टा शिकायत करने पर उसे बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है.
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