नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग ने कट्टरपंथी मुस्लिमों की जमात पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ अल्लाह हू अकबर कहने से मुस्लिमों का भला नहीं होगा. बाराबंकी में सार्वजनिक उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से बनने वाले रफी अहमद किदवई मेमोरियल डिग्री कॉलेज के भूमि पूजन पर जंग ने ये बात कही. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग ने इशारों इशारों में कट्टरपंथी मुसलमानों पर कटाक्ष करते हुए नसीहत दे डाली.जंग ने कहा कि मुस्लिम समझते हैं कि सिर्फ अल्लाह हू अकबर कह देने से ही तरक्की होगी, लेकिन ऐसा नहीं है 


पढ़ाई ही तरक्की का जरिया
नजीब जंग ने कहा, आज तरक्की का केवल एक ही जरिया है और वह है पढ़ाई. जिस मजहब की शुरुआत ही इकरा यानी पढ़ शब्द से हुई हो, वही मजहब आज सबसे पीछे है. दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम बहुत जरूरी है. मुस्लिम, दलित और पिछड़ों को शिक्षा क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसको लेकर उन्होंने एक संस्था बनाई. संस्था ने जब सर्वे किया तो पता चला कि यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में ये शिक्षा के मामले में बहुत पीछे हैं.


प्रतिभावान शिक्षकों को तैयार करने की जरूरत
जंग ने कहा कि अगर किसी शिक्षण संस्थान में प्रतिभावान शिक्षक नहीं हैं तो लक्ष्य हासिल करना मुश्किल काम है. उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य और वरिष्ठ आईएएस फैज किदवई से कहा कि अपने स्कूल के शिक्षकों को कर्नाटक, बंगलूरू भेजें, जिससे यह डिग्री कॉलेज प्रतिभावान शिक्षकों के लिए भी जाना जाए. उन्होंने इंटर पास कर जामिया स्कूल में दाखिला लेने वाली छात्राओं को अपने ट्रस्ट से एक वर्ष की फीस देने का वादा भी किया.


रफी अहमद किदवई डिग्री कॉलेज का निर्माण
केंद्र में संचार मंत्री रहे स्वर्गीय रफी अहमद किदवई की याद इस डिग्री कॉलेज का निर्माण हो रहा है.रफी अहमद किदवई ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ.अम्मार रिजवी ये जानकारी दी. रिजवी ने कहा कि हर माता-पिता की पहली जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करे. ये डिग्री कॉलेज क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाएगा.किदवई ने कहा कि यहां संचालित ओपन कक्षाओं में पढ़ाई छोड़ चुके लोग भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने ऑडिटोरियम एवं म्यूजियम बनवाने की घोषणा की. 


मसौली में पैदा हुए थे रफी अहमद किदवई
बाराबंकी के मसौली कस्बे में फरवरी 1894 में पैदा हुए रफी अहमद किदवई की याद में ट्रस्ट के लोगों और उनके परिवार ने डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला किया है.मसौली कस्बे में जन्मे रफी अहमद किदवई ने कस्बे से प्राइमरी शिक्षा पूरी कर अलीगढ़ में दाखिला लिया. पढ़ाई पूरी कर आजादी के असहयोग आंदोलन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में हिस्सा लिया.


खिलाफत आंदोलन में हिस्सेदारी
खिलाफत आंदोलन के जरिये राजनीति में दाखिल हुए रफी अहमद किदवई पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता मोती लाल नेहरू के सचिव रहे. मोती लाल नेहरू द्वारा संगठित स्वराज पार्टी के वे सक्रिय सदस्य भी रहे. आजादी के बाद बनी पहली सरकार में रफी अहमद संचार मंत्री बनाए गए थे. 1952 के आम चुनाव में रफी अहमद बहराइच संसदीय क्षेत्र से सांसद बने और केंद्र सरकार में कृषि मंत्री बने. 24 अक्टूबर 1954 को उनका निधन हो गया. रफी अहमद किदवई की मौत के बाद जवाहरलाल नेहरू मसौली आए थे. उन्होंने ही यहां उनकी मजार बनवाई थी. 


दीपावली के पहले उत्तराखंड में लगेगा बागेश्वर धाम का दरबार, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री करेंगे बड़ी घोषणा


WATCH: भीगेगा नहीं पर खूब जलेगा या रावण, देखें कैसे बनते हैं वाटरप्रूफ रावण के पुतले