राजेश मिश्र/मीरजापुर: शासन की तरफ से मीरजापुर में आठ शिक्षकों पर गाज गिरी है. दरअसल, सरकारी नौकरी में धांधली की गई थी. धांधली के इस खेल के चलते जिले के 8 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई. जानकारी के मुताबिक मानक के विपरीत साल 2016 में नियुक्ति पाने वालों इन शिक्षकों के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई है. इतना ही नहीं नियुक्ति टीम के खिलाफ भी जांच की जा रही है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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मानकों को दरकिनार कर दी गई मनचाहे लोगों की नियुक्ति 
आपको बता दें कि मीरजापुर के बेसिक शिक्षा विभाग में साल 2016 में अजब-गजब नियुक्तियों का मामला सामने आया है. जिले में सरकारी स्तर से नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. इस टीम में अपर जिलाधिकारी अध्यक्ष एवं एडिशनल एसपी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य बनाया गया था. जिले के रिक्त 8 सीट पर दिव्यांग और अनुसूचित जाति के लोगों की नियुक्ति की जानी थी. जनरल पिछड़ी जाति के लिए कोई सीट नहीं था. इसके बावजूद पर्दे के पीछे चले खेल के चलते मानकों को दरकिनार कर मनचाहे लोगों की नियुक्ति दी गई.


किसी ने नहीं दिया कोई जवाब
जानकारी के मुताबिक रिक्त पदों पर आरक्षित वर्ग की खाली सीट पर पात्रों ने अनदेखी की शिकायत की थी. इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई. जांच के दौरान नियुक्ति पा चुके लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. इसकी सीमा अवधि 15 दिन तय की गई थी, लेकिन किसी ने भी कोई जवाब तक नहीं दिया.


नियुक्ति टीम के अधिकारियों के खिलाफ हो रही जांच 
फिर क्या था शिकायत सही पाए जाने पर आरक्षित सीटों पर गैर की नियुक्ति पर 6 साल बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नियुक्ति पाने वाले 8 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी. इतना ही नहीं सेवाकाल के दौरान उठाए गए वेतन की रिकवरी के लिए मुकदमा दर्ज कराने का आदेश भी दिया है. इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नियुक्ति टीम में शामिल अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तर पर जांच की जा रही है.


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