विशाल सिंह/लखनऊ :  योगी सरकार की महत्वाकांक्षी ग्रीन फील्ड परियोजना, गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य समय से पहले पूरा हो जाएगा. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस वे 594 किमी लंबा है. गंगा एक्सप्रेसवे के पहले माइल स्टोन का कार्य पूरा कर लिया गया है. एक्सप्रेसवे को प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेला 2025 से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार की मंशा लोकसभा चुनाव से पहले एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों को शुरू कर दिया जाए.


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गंगा एक्सप्रेसवे के लिए कुल आवश्यक भूमि का क्रय व अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके साथ ही परियोजना के अंतर्गत 87 प्रतिशत से अधिक सी एंड जी (क्लीयरिंग एंड ग्रबिंग) एवं 16 प्रतिशत से अधिक मिट्टी का कार्य किया जा चुका है. 10 व्हीकल अंडरपास (एसवीयूपी) तथा 91 बॉक्स कल्वर्ट का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है. परियोजना के लिए निर्धारित पहला माइल स्टोन उम्मीद से पहले पूरा होता दिख रहा है. गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का निर्माण 12 पैकेजों चार ग्रुपों (प्रत्येक ग्रुप में तीन पैकेज) में बांटकर कर कराया जा रहा है.


इस एक्सप्रेसवे के दायरे में पड़ने वाली राज्य की दो महत्वपूर्ण नदियों गंगा एवं रामगंगा पर बड़े ब्रिज बनेंगे. गंगा नदी पर 960 मीटर लंबा और रामगंगा पर 720 मीटर लंबा दो पुल बनेगा. गंगा एक्सप्रेस वे पर कुल 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज बनेंगे.आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग-टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी विकसित की जा रही है.


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इन शहरों को होगा फायदा
गंगा एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ से शुरु होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होता हुआ प्रयागराज पहुंचता है. 594 किमी लंबी (एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीन फील्ड) गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के चारों ग्रुप का निर्माण आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा कराया जा रहा है. 


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