बिजनौर में अचानक से बढ़ा गंगा का जलस्तर, पुलिस ने टापू पर बसे लोगों को खाली करने की दी हिदायत
बरसात की पहली बारिश ने भले ही लोगों को गर्मी से निजात दिला दी हो, लेकिन पहाड़ों और मैदानी इलाकों में घंटों से पड़ी मूसलाधार बारिश ने गंगा किनारे बसे लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है.
राजवीर चौधरी/बिजनौर: पहाड़ों व मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है तो वहीं बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से गंगा किनारे बसे दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा मडराने लगा है. पुलिस प्रशासन ने गंगा किनारे बसे लोगों के लिए गांव गांव जाकर ऐलान कर रहे है कि गंगा पार से पशुओं के लिए चारा नहीं लाए. साथ ही गंगा के टापू पर बसे लोगों को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की हिदायत दी.
बरसात की पहली बारिश ने भले ही लोगों को गर्मी से निजात दिला दी हो, लेकिन पहाड़ों और मैदानी इलाकों में घंटों से पड़ी मूसलाधार बारिश ने गंगा किनारे बसे लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है. तेजी से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जिस वजह से गंगा किनारे बसे ग्रामीणों के चेहरे पर परेशानी की लकीरें साफ तौर से नजर आ रही है.
हजारों बीघा फसल हो जाते हैं बर्बाद
सरकारी आंकड़ों की अगर बात करे तो बिजनौर जिले का 80 -90 किलोमीटर के दायरे में गंगा किनारे 101 गांव आते हैं, जिसमें हर साल दो दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ आती है. हालांकि पुलिस प्रशासन गंगा किनारे स्ट्डस भी लगाता है, लेकिन गंगा का तेज बहाव लकड़ी की बनी बल्लिया भी पानी के आगे डूब जाती हैं. गंगा के बढ़ते जलस्तर कोहरपुर में कटान होने लगा है. गंगा किनारे बसे सैकड़ो ग्रामीणों की हजारों बीघा लहलहाती फसल गंगा के कटान में समा जाती हैं. साथ ही गंगा किनारे बने घरों को गंगा अपने आगोश में ले लेती है.
टापू रह रहे लोगों को खाली कराने की चेतावनी
इस साल की पहली बरसात से ग्रामीणों के चेहरे मुरझाने लगे हैं. उन्हें चिंता इस बात की है कि इस बार जिला प्रशासन ऐसा कोई इंतेजाम कर दे ताकि उनकी खेती की जमीन व घर गंगा की चपेट में आने से बच जाए. इधर गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस प्रशासन गंगा किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया है. गंगा किनारे टापू पर रह रहे लोगों को भी अपना स्थान बदलने की सख्ती से चेतावनी दे दी है.
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