Twin Towers Noida: ट्विन टावर के फाइनल ब्लास्ट की प्लानिंग तैयार, 19 जुलाई की बैठक में दिया जाएगा प्रेजेंटेशन
Twin Towers Noida: इस बैठक में प्राधिकरण बिल्डर, एजेंसी ,सीबीआरआई, जेट डिमोलिशन, पुलिस समेत करीब 20 एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. सूत्र स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट 7 जुलाई तक सुपरटेक बिल्डर और एडिफिस इंजीनियरिंग प्रबंधन को प्राधिकरण को देना था जो कि अभी तक नहीं दिया गया है...
गौतमबुद्धनगर: नोएडा (Noida) के सेक्टर 93-A सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट स्थित ट्विन टावर को गिराने के लिए अंतिम ब्लास्ट की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. सूत्रों के मुताबिक 19 जुलाई को आयोजित होने वाली बैठक में इसका प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा.
इस बैठक में प्राधिकरण बिल्डर, एजेंसी ,सीबीआरआई, जेट डिमोलिशन, पुलिस समेत करीब 20 एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. सूत्र स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट 7 जुलाई तक सुपरटेक बिल्डर और एडिफिस इंजीनियरिंग प्रबंधन को प्राधिकरण को देना था जो कि अभी तक नहीं दिया गया है.
सेक्टर-93 ए एमराल्ड कोर्ट स्थित ट्विन टावर के अंतिम ब्लास्ट का डिजाइन तैयार हो गया है. ट्विन टावर के अंतिम ब्लास्ट के दिन 500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. आखिरी ब्लास्ट से पहले रिहर्सल भी होगी. इसमें सुरक्षा के बाबत निरीक्षण आदि होंगे, जहां भी कमी दिखेगी. उसे दूर करने का काम किया जाएगा, ताकि अंतिम ब्लास्ट के दौरान किसी तरह की चूक न हो सके.
क्यों ढहाए जाएंगे टावर
सुपरटेक की दोनों इमारत नोएडा सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेस-वे की तरफ स्थित हैं. इनका नाम है, एमरल्ड कोर्ट ट्विन टावर्स. जानकारी के मुताबिक इन टावर्स में 950 फ्लैट हैं और एक टॉवर 40 माले का है. इनमें सैकड़ों फ्लैट बुक हो चुके थे. बता दें कि ये एक अवैध कंस्ट्रक्शन था, इसलिए टावर्स को तोड़ने के आदेश दिए गए. ये कंस्ट्रक्शन सुपरटेक बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी की मिलीभगत से किया गया था. दरअसल, जिस जमीन पर दोनों टावर बने हैं, वो जगह एक पार्क बनाने के लिए थी. हालांकि, जमीन सुपरटेक की ही थी लेकिन उसने पार्क वाली जगह पर अवैध तरीके से दोनों टावर बनवाए.
आएगा लगभग 17.50 करोड़ का खर्चा
सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को ट्विन टावर को गिराने के मामले में सुनवाई करते हुए गिराने के मामले में तेज़ी लाने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने 3 हफ्तों में स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद 9 फरवरी को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतू माहेश्वरी ने 10 विभागों के साथ बैठक कर 20 फरवरी से 22 मई के बीच टावर को गिराने का निणर्य लिया.वही टावरों को गिराने में कितना खर्च आएगा इस पर भी बातचीत की गई थी. जिसमे टावर तोड़ने के बाद 22 अगस्त तक मलबा हटाने का काम होगा. आपको बता दें कि लगभग 17.50 करोड़ की लागत से दोनों टावर ध्वस्त किए जाएंगे.
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